मुंबई। इंसानों के ब्लड बैंक (Blood Bank) के बारे में आपने बहुत सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी जानवरों (Animals) के ब्लड बैंक के बारे में सुना है। आपको सुनने में ये बात थोड़ी अजीब जरूर लग रही होगी, लेकिन यह सच है। दुनियाभर के कई देशों में ‘पेट्स ब्लड बैंक’ बनाए गए हैं। इन ब्लड बैंकों में अधिकांश बिल्लियों और कुत्तों का खून मिलता है। क्योंकि इन जानवरों को अधिकांश लोग पालते हैं। अगर कोई कुत्ता (Dog) या बिल्ली (Cat) को खून की जरूरत पड़ती है, तो यही ब्लड बैंक उनके काम आते हैं।
कुत्ते और बिल्लियों में भी इंसानों की तरह अलग-अलग प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं। जहां कुत्तों में 12 प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं, तो वही बिल्लियों में तीन प्रकार के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं। उत्तरी अमेरिका (America) में स्थित ‘पशु चिकित्सा ब्लड बैंक’ के प्रभारी डॉक्टर केसी मिल्स के मुताबिक, कैलिफोर्निया के डिक्सन और गार्डन ग्रोव शहरों के अलावा मिशिगन के स्टॉकब्रिज, वर्जीनिया, ब्रिस्टो और मैरीलैंड के अन्नापोलिस शहर समेत उत्तरी अमेरिका के कई शहरों में पशु ब्लड बैंक हैं। यहां लोग समय-समय पर अपने पालतू जानवरों को ले जाकर रक्तदान करवाते हैं।
डॉक्टर मिल्स (Dr. Mils) ने बताया कि पशुओं के रक्तदान की प्रक्रिया में लगभग आधे घंटे का समय लगता है। सबसे खास बात तो ये है कि उन्हें एनेस्थेसिया देने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, ऐसी जगह जहां पर पशु ब्लड बैंक नहीं है, वहां लोगों को जागरूक करने के लिए रक्त और प्लाज्मा दान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन और अमेरिका में लोग पशुओं के रक्तदान के प्रति जागरूक हैं, जबकि बाकी जगहों पर पशुओं के रक्तदान के प्रति अभी जागरूकता फैलाने की जरूरत है। भारत (India) में भी जानवरों के लिए एक ब्लड बैंक है, जिसका नाम ‘तनुवास पशु ब्लड बैंक’ है। यह ब्लड बैंक तमिलनाडु (Tamilnadu) पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन है और चेन्नई के मद्रास पशुचिकित्सा कॉलेज शिक्षण अस्पताल के क्लीनिक विभाग के तहत कार्य करता है।
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