इंदौर (Indore)। प्राचीन काल (ancient time) से ही योग विज्ञान का अथाह अध्ययन होता रहा है। योग को मानसिक (yoga is mental) और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए जाना जाता है। नियमित योग अभ्यास के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। इन आसनों को दैनिक जीवन में शामिल करने से शरीर और दिमाग को कई लाभ मिलते हैं।
पवनमुक्तासन क्या है? (पवन राहत मुद्रा)
पवनमुक्तासन, जैसा कि नाम से पता चलता है, एक योग आसन है जो गैस को रिलीज करने में मदद करता है। यह मुद्रा पेट और आंतों में फंसी अतिरिक्त हवा को बाहर निकालने में मदद करती है। यह मुद्रा राहत प्रदान करती है और संपूर्ण पाचन तंत्र को स्थिर करती है। यह मानसिक स्थिति को संबोधित करने से लेकर गर्दन की मांसपेशियों, पेट, जांघों, हैमस्ट्रिंग और पैर की उंगलियों को आराम देने तक, शरीर को समग्र आधार पर ठीक करने का काम करता है।
पवनमुक्तासन अभ्यास करने के लिए शारीरिक रूप से थका देने वाला या थका देने वाला आसन नहीं है। इस आसन को आप जितनी देर तक करेंगे, यह शरीर के लिए उतना ही फायदेमंद होगा। यह पाचन संबंधी विकारों को दूर करके शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को सीधे बाहर निकालने का एक सरल तरीका है। मुद्रा में शामिल स्थितियां सही क्षेत्रों को फैलाने में भी मदद करती हैं, जिससे शरीर की सबसे सक्रिय मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं।
ध्यान दें
यदि कमर या गर्दन दर्द होने पर सिर न उठायें। यदि एसीडिटी के कारण रिफ्लक्स होता हो तो इसका अभ्यास न करें।
फायदेमंद है :
पेट की चर्बी कम कर मोटापा दूर करने वाला है। डायबटीज, कब्ज, गैस, एसिडिटी, अफारा, भूख न लगना आदि पेट के रोगों में सहायक है। हृदय और फेफड़ों को बल मिलता है। अस्थमा और सांस फूलना में आराम मिलता है। जिससे आमाशय, लिवर, पैंक्रियाज, छोटी व बड़ी आंत, मूत्राशय व किडनी को स्वस्थ बनाये रखता है। हर्निया और स्त्री रोगों में भी फायदेमंद है ।
ज़रूर अपनाएँ :
पत्ती वाली चाय के स्थान पर ग्रीन टी का सेवन कीजिये।
खाने से आधा घंटा पहले एक गिलास पानी पीएं।
खाने के बाद सिप करके एक कप गर्म पानी का सेवन करें ।
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