शेष 23 सीटों पर वीआईपी व वामदलों के उम्मीदवार
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस व अन्य घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत अब अंतिम चरण में है। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो सीटों की घोषणा दो अक्टूबर या उसके बाद कभी भी की जा सकती है। राजद ने पहले फेज के चुनाव के लिए अपनी सीटों की सूची भी तैयार कर ली है। सूची लेकर भोला यादव रांची पहुंच गए हैं, जहां उनकी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात होनी है। माना जा रहा है कि इसके बाद राजद अपनी पहली सूची जल्द जारी कर सकता है। उम्मीदवारों के नाम पहले ही तय हो चुके हैं।
इस बीच बताया जा रहा है कि राजद व कांग्रेस के बीच 10 और सीटों को लेकर बातचीत जारी है। राजद ने अपनी तरफ से माले को 13, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को छह और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को चार सीटों का ऑफर दिया है। कांग्रेस को 60 प्लस एक का ऑफर दिया है। हालांकि, कांग्रेस 70 से कम पर तैयार नहीं है। माले भी 17 सीटों पर अड़ी है। सूत्र बताते हैं कि राजद कुल 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है जबकि कांग्रेस को 70 तथा वाम दलों को शेष सीटें दिए जाने की संभावना है। विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) के करीब आधा दर्जन प्रत्याशियों को अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारकर राजद अपनी सीट बढ़ा सकता है।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग का यह है फॉर्मूला
सूत्रों ने बताया कि बातचीत के आरंभ में तय हुआ था कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले के अनुसार सीटों का बंटवारा किया जाएगा। इसके अनुसार कांग्रेस को 41 तो राजद को 101 सीटें दी जातीं। सूत्रों के अनुसार उस चुनाव में महागठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड की 101 सीटों में से 50 राजद तथा 30 कांग्रेस को दी जानी है। शेष सीटें वाम दलों को दी जानी है। सूत्र बताते हैं कि इस चुनाव में कांग्रेस बीते लोकसभा चुनाव के अपने अनुभवों को लेकर सचेत है। तब कांग्रेस को 18 सीटों का वादा किया गया था, लेकिन मिलीं थी केवल नौ सीटें। तब कांग्रेस से राजद ने राज्यसभा की एक सीट देने का वादा भी किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस बार कांग्रेस ‘सम्मानजनक सीटों पर समझौता चाहती है। जहां तक कांग्रेस के महागठबंधन से बाहर जाने की बात है, ऐसी संभावना नहीं दिखती। इससे राजद व कांग्रेस, दोनों को नुकसान है। (एजेंसी, हि.स.)
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