नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर (auto sector) की कुछ प्रमुख कंपनियों का मानना है कि सरकार (Goverment) को अंतरिम बजट (interim budget) में ग्रीन मोबिलिटी (green mobility) को बढ़ावा देने की पॉलिसी (policy) को जारी रखने की जरूरत है. उनका कहना है कि इसके अलावा इंफ्रा सेक्टर (infra sector) की विकास की रफ्तार को भी कायम रखने की जरूरत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी.
जीएसटी कम करने पर हो ध्यान
मर्सिडीज बेंज इंडिया के एमडी एवं सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि हमारा अनुमान है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की प्रोजेक्ट्स पर कैपिटल एक्सपेंडिचर जारी रहेगा. सरकार को ग्रीन मोबिलिटी के लिए नीतिगत प्रोत्साहन पर ध्यान जारी रखना चाहिए. इससे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी. अय्यर ने कहा कि लग्जरी कार इंडस्ट्री देश के जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
ऐसे में यह क्षेत्र चाहता है कि प्राथमिकता के आधार पर शुल्क ढांचे और जीएसटी को बेहतर किया जाए. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमें आगामी बजट में किसी तरह के आश्चर्य की उम्मीद नहीं है. फिलहाल लग्जरी कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है. साथ ही सेडान पर 20 फीसदी और एसयूवी पर 22 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगता है. ऐसे में इन वाहनों पर कुल कर करीब 50 फीसदी बैठता है.
इकोनॉमी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के डिप्टी एमडी (कॉरपोरेट प्लानिंग, फाइनेंस, एडमिन और मैन्युफैक्चरिंग) स्वप्नेश आर मारू ने कहा कि व्हीकल मेकर्स को भरोसा है कि सरकार इकोनॉमी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को एक ऐसे ग्रीन फ्यूचर में ट्रांसफर करने की दिशा में अपना प्रयास जारी रखेगी जो जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भर हो. जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं एमडी रघुपति सिंघानिया ने कहा कि ऑटो सेक्टर के लिए सतत नीतियों से इस क्षेत्र का विस्तार होगा.
कमर्शियल व्हीकल हों इलेक्ट्रिक
महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी की एमडी एवं सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि समावेशी आय सृजन, इलेक्ट्रिक तिपहिया और कमर्शियल व्हीकल के जरिए लोग वित्तीय रूप से सशक्त हो रहे हैं. हम बजट में भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग (फेम) की योजना के जरिए इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने की उम्मीद करते हैं.
ईएलसीवी पर सब्सिडी
पीएचएफ लीजिंग लिमिटेड के सीईओ शल्य गुप्ता ने कहा कि सरकार 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है. ऐसे में हल्के वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहन न केवल रोजगार प्रदान कर रहे हैं, बल्कि कम उत्सर्जन के समाधान की भी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार ईएलसीवी पर न केवल सब्सिडी समर्थन जारी रखेगी, बल्कि इनके पंजीकरण की प्रक्रिया को भी सरल करेगी. काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक एवं सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने उम्मीद जताई कि सरकार फेम-तीन योजना की घोषणा कर इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन जारी रखेगी.
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