नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कलर टेलीविजन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इस कदम का मकसद घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और चीन जैसे देशों से गैर-जरूरी सामानों के आयात में कमी लाना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘रंगीन टेलीविजन की आयात नीति को संशोधित किया गया है। इनकी आयात नीति को मुक्त हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में लाया गया है।
किसी वस्तु को प्रतिबंधित श्रेणी में रखने का मतलब है कि उस सामान का आयात करने वाले कारोबारी को वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले DGFT से आयात लाइसेंस लेना होगा। भारत में कलर टीवी का चीन सबसे बड़ा निर्यातक है। उसके बाद क्रमश: वियतनाम, मलेशिया, हांगकांग, कोरिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और जर्मनी जैसे देशों का स्थान है।
केंद्र सरकार ने 36 सेमी से लेकर 105 सेमी के स्क्रीन साइज वाले टीवी सेट्स पर यह बैन लगाया है। 63 सेमी से कम स्क्रीन साइज वाले लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LCD) वाले टीवी सेट्स पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा।
वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में कुल 781 मिलियन डॉलर कीमत के टीवी सेट्स का आयात किया गया था। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वियतनाम और चीन से था। चीन से भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 428 मिलियन डॉलर की टीवी आयात किया। वहीं, वियतनाम के लिए यह आंकड़ा 293 मिलियन डॉलर का था।
इस मामले पर पैनासोनिक इंडिया के सीईओ व अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि अब ग्राहकों को उच्च क्वालिटी की एसेम्बल्ड टीवी सेट्स मिलेंगे। उन्होंने कहा, ‘निश्चित ही डोमेस्टिक एसेम्बलिंग पर इसका साकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कुछ प्रमुख ब्रांड्स ने पहले ही भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खोल रखे हैंं। इससे हमें कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कदम से प्रोसिजरल असर पड़ेगा।
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