अमरनाथ। कल बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बाद अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास से करीब 4,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। यह घटना क्षेत्र में बादल फटने से 15 लोगों के मारे जाने के दो हफ्ते बाद हुई है। बचाव दल तैनात किए गए हैं। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पवित्र अमरनाथ गुफा के आसपास के पहाड़ों में कल दोपहर भारी बारिश हुई थी, जिसके कारण यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया। बता दें कि भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे इस मंदिर के लिए अमरनाथ यात्रा पहलगाम और बालटाल के जुड़वां मार्गों से होती है।
43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई थी। 2019 में, संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले से पहले यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया गया था। इसके बाद तीर्थयात्रा 2020 और 2021 में कोविड महामारी के कारण नहीं हुई थी।
सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले दिनों अचानक आई बाढ़ के कारण 15 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई लेकिन किसी व्यक्ति के लापता होने की सूचना नहीं है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था, ‘‘जुलाई में पवित्र अमरनाथ यात्रा के दौरान अचानक आई बाढ़ के कारण कितने तीर्थयात्रियों ने अपनी जान गंवाई।’
इसके जवाब में राय ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अचानक आई बाढ़ के कारण 15 लोगों की जान चली गई, लेकिन किसी व्यक्ति के लापता होने की सूचना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, सीएपीएफ और सरकारी कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों के खोज अभियान, बचाव और राहत के लिए तैनात किया गया था। यात्रियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों व शिविरों में ले जाया गया और उन्हें आवास तथा भोजन उपलब्ध कराया गया। घायल यात्रियों को निकटतम चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचाया गया।’’
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