नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग (lawrence bishnoi gang)के लिए काम करने वाले मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा (Mayank Singh alias Sunil Singh Meena)के भारत प्रत्यर्पण पर मुहर(Seal on extradition to India) लग गई है। झारखंड एटीएस ने अजरबैजान की राजधानी बाकू के जेल में बंद मयंक सिंह के प्रत्यर्पण के लिए सीआईडी के जरिए अजरबैजान को आवेदन दिया था। वहां की निचली अदालत ने एटीएस के अलावा भारत में दर्ज केस के आधार पर उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अब उसे भारत लाया जाएगा।
अजरबैजान सरकार ने इस संबंध में सीबीआई से पत्राचार किया है। इसके बाद यह जानकारी एटीएस को भी भेजी गई है। प्रत्यर्पण के खिलाफ अंतिम मौका भी मयंक सिंह को दिया गया है। वह निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील कर सकता है। मयंक को जल्द अजरबैजान से भारत लाया जा सके, इसके लिए राज्य एटीएस ने नोडल एजेंसी सीआईडी के जरिए सीबीआई को प्रस्ताव भेजा था। सीबीआई को मयंक पर दर्ज केस की जानकारी, आपराधिक गतिविधियों पर विस्तृत रिपोर्ट के साथ अलग-अलग कोर्ट द्वारा जारी वारंट की कॉपी भी भेजी गई थी। सीबीआई मुख्यालय द्वारा पूरी रिपोर्ट अजरबैजान सरकार को भेज दी गई थी।
रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई थी गिरफ्तारी
मयंक थाइलैंड में रह झारखंड के कारेाबारियों से रंगदारी मांगता था। इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल कर वह व्यवसायियों से रंगदारी मांगता था। एटीएस व राज्य के अलग- अलग थानों में मयंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं। इन कांडों के आधार पर एटीएस ने पूर्व में सीबीआई से पत्राचार कर रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद मयंक की गिरफ्तारी दिसंबर 2024 में अजरबैजान से हुई थी। लेकिन अजरबैजान से भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ऐसे में अब सीबीआई इंटरपोल की मदद से प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी थी। अजरबैजान की निचली अदालत द्वारा प्रत्यर्पण की मंजूरी से उसे भारत लाने की राह आसान हो गई है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved