इंदौर। शहर (Indore) की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा (Baneshwari Kavad Yatra) इस बार कुछ अलग तरह की होगी। विधायक (MLA) बनने के बाद गोलू शुक्ला (golu shukla) इस कावड़ यात्रा को धर्म के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) के कर्म के साथ भी जोड़ रहे हैं। यात्रा के दौरान प्रत्येक कावड़ यात्री 5 पेड़ लगाएगा। इस तरह से 180 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 25 हजार पौधे रोपे जाने की योजना है। यात्रा 22 जुलाई से शुरू होगी।
कावड़ यात्रा को लेकर शुक्ला ने एक बैठक में कहा कि हर बार कावड़ यात्रा में हम नर्मदा का पवित्र जल भगवान महाकालेश्वर पर चढ़ाते ही हैं, लेकिन इस बार पर्यावरण को भी हमें कुछ चढ़ाना है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि 25 हजार पौधे महेश्वर से महाकालेश्वर के बीच रोपे जाएंगे। प्रधानमंत्री के अभियान एक पौधा मां के नाम से ये पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें छायादार ज्यादा पेड़ शामिल किए गए हैं। सांवेर रोड स्थित मौनी बाबा आश्रम पर हुई बैठक में बड़ी संख्या में कावड़ यात्रा से जुड़े लोग शामिल हुए। यात्रा संयोजक दीपेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि 21 जुलाई को मरीमाता चौराहे से बस द्वारा महेश्वर और वहां से 22 जुलाई को यात्रा का शुभारंभ होगा। बैठक में गजासीन शनि मंदिर के महामंडेलश्वर दादू महाराज, महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा, महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज, हंसदास मठ के पं. पवनदास महाराज, पार्षद मनीष शर्मा, जगजीवन प्रजापत, बबलू गागरे, नारायण चौहान, कमल शुक्ला, जीवन कश्यप, ओम अवस्थी, क्षेत्र क्र. 3 के दिनेश वर्मा, हरप्रीत बक्षी के साथ क्षेत्र के पार्षद एवं मंडल अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
यह रहेगा यात्रा का कार्यक्रम
21 जुलाई को इंदौर से कावडि़ए बसों में भरकर रवाना होंगे। 22 जुलाई को मां नर्मदा का अभिषेक होगा और यात्रा शुरू हो जाएगी। यह यात्रा 23 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 24 जुलाई को मानपुर से महू, 25 जुलाई को महू से इंदौर में रात्रि विश्राम के बाद 26 को सुबह नगर भ्रमण करते हुए रेवती रेंज और 27 को रेवती रेंज से पंथपिपलई और वहां से 28 को रात्रि में उज्जैन पहुंचकर 29 की सुबह भगवान महाकालेश्वर के जलाभिषेक के साथ समाप्त होगी।
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