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    एलिजाबेथ ब्रिटेन के साथ 14 और देशों की भी थीं महारानी, कैसे जानिए

  • September 09, 2022

    लंदन/नई दिल्ली। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Britain’s Queen Elizabeth) द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे चार्ल्स तृतीय यूनाइटेड किंगडम (यूके) समेत 14 अन्य क्षेत्रों के सम्राट बन गए हैं। ब्रिटिश (British) इतिहास में उत्तराधिकार के तौर पर उन्होंने सबसे लंबा इंतजार किया है। सात दशक ब्रिटेन की महारानी के पद को सुशोभित करने वाली एलिजाबेथ (Elizabeth) द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। महारानी के निधन पर भारत समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने शोक संवेदना व्यक्त करते उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। करीब सात दशक तक शाही परिवार और ब्रिटेन की रियासत को संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अपने जीवन काल में तीन बार भारत का दौरा किया था।

    बकिंघम पैलेस के बाहर जुटे हजारों लोग
    महारानी एलिजाबेथ के निधन की खबर मिलने के बाद लंदन में बकिंघम पैलेस के बाहर हजारों लोग जुट होकर गॉड सेव द क्वीन गा रहे हैं। महारानी के निधन की खबर से पूरा ब्रिटेन स्तब्ध है। महल के राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया गया है, जो सम्राट की मृत्यु का प्रतीक हैं। महारानी के प्रति बकिंघम पैलेस के बाहर जुटी भीड़ अपनी भावनाएं प्रकट कर रही है।



    एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 में हुआ था. वे इस समय 15 संप्रभु राज्यों की महारानी थीं, हालांकि, वे सीधे तौर पर यूके से जुड़ी थीं, जहां उनका शाही परिवार रहता है। एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा इन देशों की भी रानी थीं।
    1- कनाडा
    2- ऑस्ट्रेलिया
    3- न्यूजीलैंड
    4- जमैका
    5- बहामास
    6- ग्रेनेडा
    7- पापुआ न्यू गिनी
    8- सोलोमन आइलैंड्स
    9- तुवालू
    10- सैंट लूसिया
    11- सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स
    12- एंटीगुआ और बारबुडा
    13- बेलिज
    14- सेंट किट्स एंड नेविस

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जिल बाइडन ने अपने शोक संदेश में कहा कि लगातार बदलती दुनिया में वह ब्रिटेन की कई पीढ़ियों के लिए गर्व और गौरव थीं जिन्होंने कभी उनके बिना अपने देश की कल्पना नहीं की होगी। उनकी विरासत ब्रिटिश इतिहास के पन्नों में और हमारी दुनिया की कहानी में बहुत बड़ी होगी।



    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर गहरा दुख हुआ। पाकिस्तान उनकी मृत्यु के शोक में यूके और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में शामिल होगा। शाही परिवार, लोगों और यूके की सरकार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

    घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो-अड्डो ने कहा कि घाना के लोगों के एलिजाबेथ की दो यात्राओं की सुखद यादें हैं। दोनों अवसरों पर उनके स्नेह और मित्रता को हम याद करते हैं।

    न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि मुझे पता है कि रानी के निधन पर शाही परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति देने के लिए न्यूजीलैंड के लोगों के लिए कहना है। हमारे लिए वह बहुत प्रशंसनीय और सम्मानित सम्राट थीं।

    ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के साथ, एक ऐतिहासिक शासन और कर्तव्य, परिवार, विश्वास और सेवा के लिए समर्पित एक लंबा जीवन समाप्त हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के लोग उनको नमन करते हैं।

    जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस ने कहा कि यह बड़े और गहन दुख के साथ था कि मुझे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली ब्रिटिश सम्राट, के निधन के बारे में पता चला, जिनके शासन काल में सात दशक थे।

    अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा कि अमेरिका के लोग महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के दुखद निधन के शोक में यूनाइटेड किंगडम के लोगों के साथ हैं। सिंहासन पर अपने सात दशकों के दौरान, महामहिम वैश्विक क्षेत्र में नेतृत्व के स्तंभ और स्वतंत्रता के एक समर्पित मित्र थीं।

    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प ने कहा कि रानी एलिजाबेथ के ऐतिहासिक और उल्लेखनीय शासन ने ग्रेट ब्रिटेन के लिए शांति और समृद्धि की एक जबरदस्त विरासत छोड़ी। उनके नेतृत्व और स्थायी कूटनीति ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर के देशों के साथ सुरक्षित और उन्नत गठबंधन किया।

    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि मिशेल और मैं महामहिम को जानने के लिए काफी भाग्यशाली थे, और वह हमारे लिए बहुत मायने रखती थी। हम उनकी गर्मजोशी से प्रभावित हुए। पूरी दुनिया उनको बहुत याद करेगी।

    जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज़ ने कहा कि हम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हैं। वह यहां जर्मनी में भी लाखों लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा थीं। द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता के बाद जर्मन-ब्रिटिश सुलह के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अविस्मरणीय रहेगी।

    इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रघी ने कहा कि रानी एलिजाबेथ पिछले सत्तर वर्षों में विश्व इतिहास में एक प्रमुख हस्ती थीं। उन्होंने संतुलन, ज्ञान, संस्थानों और लोकतंत्र के लिए सम्मान के साथ यूनाइटेड किंगडम और राष्ट्रमंडल का प्रतिनिधित्व किया। वह अपने देश की सबसे प्रिय प्रतीक रही हैं और उन्होंने सम्मान प्राप्त किया है।

    फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 70 से अधिक वर्षों तक ब्रिटिश राष्ट्र की निरंतरता और एकता को मूर्त रूप दिया। मैं उन्हें फ्रांस की एक मित्र के रूप में याद करता हूं, एक दयालु रानी जिन्होंने अपने देश और अपनी सदी पर एक स्थायी छाप छोड़ी है।

    स्पैनिश प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर पूरे शाही परिवार, सरकार और यूनाइटेड किंगडम और राष्ट्रमंडल के लोगों के प्रति मेरी संवेदना।

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह बहुत दुख के साथ है कि हमें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बारे में पता चला है। हम इस अपूर्णीय क्षति पर यूनाइटेड किंगडम और राष्ट्रमंडल के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हमारे विचार और दुआएं आपके साथ हैं।

    संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद ने कहा कि महामहिम संयुक्त अरब अमीरात के एक करीबी दोस्त और एक प्रिय और सम्मानित नेता थीं, जिनके लंबे शासन में गरिमा, करुणा और देश की सेवा करने के लिए एक अथक प्रतिबद्धता की विशेषता थी।

    इराकी राष्ट्रपति बरहम सलीह ने कहा कि मैं एचएम क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से बहुत दुखी हूं। मैं शाही परिवार और यूनाइटेड किंगडम के लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। महारानी एलिजाबेथ को इतिहास के एक महान प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने अनुग्रह, गरिमा और दृढ़ता के साथ सेवा की।

    महारानी का प्रारंभिक जीवन, उपलब्धियां
    एलिजाबेथ यॉर्क के ड्यूक प्रिंस अल्बर्ट और पत्नी लेडी एलिजाबेथ बोवेस-लियोन की बड़ी बेटी थीं। एलिजाबेथ का 21 अप्रैल 1926 को जन्म हुआ था। क्वीन एलिज़ाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर था। क्वीन एलिजाबेथ ने अपनी पढ़ाई घर में ही पूरी की। 1947 में, उन्होंने एक नौसेना अधिकारी, लेफ्टिनेंट फिलिप माउंटबेटन, एक दूर के चचेरे भाई से शादी की। फिलिप ग्रीस के राजकुमार एंड्रयू के बेटे और महारानी विक्टोरिया के परपोते थे।



    केन्या दौरे के दौरान हुआ था पिता का निधन

    1948 में दोनों से एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रिंस चार्ल्स पड़ा। इसके ठीक दो साल बाद बेटी पैदा हुई जो आगे चलकर राजकुमारी ऐनी बनीं। शादी के करीब पांच साल बाद यानी साल 1952 में प्रिंस फिलिप, प्रिंसेस एलिजाबेथ केन्या के दौरे पर गए थे। लेकिन केन्या के इसी दौरे के दौरान उनके जीवन का सबकुछ बदल गया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज का निधन हो गया। एलिजाबेथ केन्या में ही थीं।

    पिता के मौत की खबर मिलने के बाद एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप अपनी छुट्टियों को बीच में रद्द कर ब्रिटेन के लिए रवाना हो गए। पिता की मौत के बाद यह साफ हो गया था कि ब्रिटेन को अब नई महारानी मिलने वाली हैं। इसके बाद 6 फरवरी, 1952 को एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की महारानी नियुक्त हुईं, 2 जून 1953 को उनका आधिकारिक रूप से राज्याभिषेक किया गया।

    महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उम्र केवल 25 साल थी जब उनको ब्रिटेन की गद्दी सौंपी गई। तब से लेकर अभी तक वो करीब सात दशक से इस गद्दी पर काबिज थीं। ब्रिटेन की सत्ता संभालने वाली सबसे उम्रदराज महिला भी हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने भारत का दौरा भी किया है। वो तीन बाद भारत दौरे पर आई हैं। एजेंसी
    एजेंसी

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