भोपाल। प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए बड़े शहरों के बीच इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। यातायात के साधनों में डीजल एवं पेट्रोल के स्थान पर अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकल्पों को अपनाया जाएगा। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गोवा में 2030 तक एक बिलियन कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता के चलते राज्यों के परिवहन मंत्रियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
राजपूत ने कहा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से डीजल एवं पेट्रोल से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकेगा वहीं डीजल एवं पेट्रोल पर होने वाले व्यय में भी कमी आएगी। इसके साथ ही कच्चे तेल पर होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए वाहनों के क्रय पर मोटर यान कर एवं पंजीयन शुल्क में छूट दे चुकी है। प्रदेश में विभिन्न वर्गो के 34 हजार 500 इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रथम आओ प्रथम पाओ के तहत लाईफ टाईम टैक्स एक फीसदी की न्यूनतम दर से लिया जा रहा है।
300 किमी की दूरी तक चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के प्रमुख नगरों में 200 से 300 कि.मी. के मध्य सावर्जनिक परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी योजना बनाने जा रही है। इसके साथ ही ई-वाहन के उपयोग को सुगम बनाने के लिए यात्रा के दौरान भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर जैसे संभागीय स्थानों पर 250 ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की योजना है। इन स्टेशनों के लिए पेट्रोल पंप पर ही यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चर्चा की जा रही है। इसके साथ ही बैट्री स्वैपिंग की सुविधा भी इन स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
मंत्री ने की ब्सिडी की सिफारिश
परिवहन मंत्री ने ई-वाहन खरीदने के लिए आम जनता को फेम 2 योजना में सबसिडी प्रदान करना चाहिए ताकि इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल से चलित वाहनों की तुलना में अधिक न हो और उनसे प्रतिस्पर्धात्मक हो जाए। ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन की उपलब्धता के लिए 25 प्रतिशत पेट्रोल पंपों को चिन्हित कर चार्जिंग स्टेशन की स्थापना अनिवार्य करना चाहिए।
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