नई दिल्ली (New Delhi)। पांच राज्यों (five states) में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों (assembly elections) में निर्वाचन आयोग (Election Commission) की सख्ती और प्रयासों (Strictness and efforts) का असर दिखा। अब तक 11 राज्यों (11 states) में हुए चुनावों में केवल 6 मतदान केंद्रों पर ही पुनर्मतदान (Re-polling only at 6 polling stations) हुआ है। वहीं, चुनावी हिंसा की घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
छिटपुट हिंसा की घटनाओं को छोड़कर कहीं भी बड़ी हिंसा की घटना सामने नहीं हाई। वहीं, 2019 में हुए आम चुनावों में त्रिपुरा में ही 168 जगहों पर पुनर्मतदान हुआ। वहीं, आयोग सख्ती के कारण 5 राज्यों में 2000 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं, नकदी, उपहार और कीमती वस्तुएं जब्त हुईं। 45 हजार से ज्यादा शिकायतें मिलीं। इसमें पहले सौ मिनट में ही 99 फीसदी का समाधान कर दिया गया। मिजोरम में भी हिंसा की एक भी बड़ी घटना नहीं हुई है।
वहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नक्सल प्रभावित इलाकों में भी लोगों ने जमकर मतदान किया। मध्य प्रदेश में 2018 में 74.97 तो 2023 में 76.22% मतदान हुआ, छत्तीसगढ़ में पिछली बारे के 76.45 प्रतिशत से इस बार कुछ कम यानी 76.32 फीसदी मतदान हुई। राजस्थान में 74.06 प्रतिशत से बढ़कर 74.96%, मतदान हुआ। मिजोरम में 77.4 फीसदी रहा। तेलंगाना में पिछली बार के मतदान 73.37 फीसदी के मुकाबले इस बार केवल 70.71% मतदान हुआ है।
मुख्य चुनाव आयुक्त बोले- उठाएंगे और कड़े कदम
चुनाव आयोग इन चुनावों में आदर्श आचार संहिता ( एमसीसी) के उल्लघंन को लेकर सतर्क है। इसके लिए आयोग आगामी लोकसभा चुनावों से ही एमसीसी के सख्त अनुपालन को लेकर कड़े कदम उठाएगा। इस दिशा में तेजी से कार्रवाई भी शुरू कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा चुनाव आयोग एक सांविधानिक संस्था है। उन्होंने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर राजनीतिक दलों की एमसीसी समझ पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव में राजनीतिक दलों की चुनावी आदर्श आचार संहिता की समझ और उनके द्वारा किए जा रहे कार्य बताते हैं कि या तो उनमें समझ की कमी है, या वह अनर्गल प्रलाप राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं।
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