नई दिल्ली। हल्दी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। किसी भी तरह की सब्जी में इसका उपयोग सब्जी को और भी स्वादिष्ट बना देता है। यही वजह है कि इसे एक ‘चमत्कारिक मसाला’ माना जाता है और दूध के साथ इसे लेने पर तो इसके गुण दोगुने हो जाते हैं। भारत में हल्दी का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है।
इससे बनी औषधियां सांस से संबंधित परेशानियों, बदन दर्द और थकान आदि को दूर करने में असरकारी होती हैं। इस कोरोना काल में तो हल्दी का उपयोग और भी बढ़ गया है। लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इसका सेवन खूब कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने भी इसकी सलाह दी है। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि हल्दी की तासीर गर्म होती है, इसका अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
खून में हो सकती है आयरन की कमी : अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन शरीर में आयरन को अवशोषित होने को रोक सकता है, यानी यह शरीर में आयरन की कमी का कारण बन सकता है और विशेषज्ञ कहते हैं कि आयरन की वजह से ही शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है, ऐसे में आयरन की कमी से थकान और सांस फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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हल्दी के अन्य नुकसान : चूंकि हल्दी मसालेदार प्रकृति का होता है, ऐसे में लंबे समय तक इसका अधिक मात्रा में सेवन पेट को खराब कर सकता है। इसके अलावा हल्दी की ज्यादा खुराक लेने से दस्त, मतली और उल्टी होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
ऐसे लोगों को ज्यादा नहीं करना चाहिए हल्दी का सेवन : पित्त या पित्त रुकावट से पीड़ित लोग, दस्त या मतली से पीड़ित लोग, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने शिशुओं को किसी भी तरह की हानि से बचाने के लिए हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, वरना यह अधिक नुकसानदायक हो सकता है।
हल्दी के फायदे क्या हैं? : अगर हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो इससे स्वास्थ्य को कई लाभ मिल सकते हैं। यह गठिया में और डायबिटीज को नियंत्रित करने में उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा यह इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी उचित बनाए रखता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों को रोकने में मदद मिलती है
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