श्रीनगर। होली के दिन जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से लेकर लद्दाख (Ladakh) तक कई इलाकों में भूकंप आया है। करगिल में सबसे तेज भूकंप (Strongest earthquake in Kargil) के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप तड़के आया, जब लोग घरों में सो रहे थे। लद्दाख के करगिल भूकंप की तीव्रता 5.2 रिक्टर स्केल पर मापी गई है। धरती सुबह लगभग 2.50 मिनट पर हिली। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र 15 किलोमीटर गहराई में था।
करगिल में आए भूंकप की तीव्रता ने सबको हिला दिया। लोग सुबह 3 बजे से ही जाग गए। अफरा-तफरी मच गई। कई घरों की दीवार गिर गई तो कई अस्थाई ठिकाने ढह गए। कई तस्वीरें सामने आई हैं जहां कारों के ऊपर प्लास्टर या दीवार गिरने से वे टूट गईं।
भूकंप के हाई रिस्क वाला इलाका है करगिल
लेह- लद्दाख हिमालय क्षेत्र के टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिस्से में हैं। इसका मतलब वह हिस्सा जो भूकंप आने का संवेदनशील इलाका है। लेह-लद्दाख भूकंपीय क्षेत्र-IV जोन में है। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से हाई रिस्क वाला इलाका है। यहां अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
शुक्रवार को आया भूकंप तेज था, जिसने यहां लोगों को हिला दिया। लोग दहशत में आ गए। कई अपने घरों के बाहर निकल आए। बहार भीड़ जमा हो गई। जिनकी कारें या घर टूट गए वे परेशान नजर आए।
अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके
भूकंप के इन झटकों के तीन घंटों बाद ही पूर्वोत्तर भारत में भी भूकंप आया। अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह भूकंप पश्चिम कामेंग इलाके में 4.0 तीव्रता से आया। यहां सुबह 6 बजे झटके महसूस किए गए। इससे पहले 13 मार्च को दोपहर 2 बजे तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
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