लिस्बन (पुर्तगाल)। राष्ट्रपति (Indian President) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu ) रविवार रात (स्थानीय समयानुसार) पुर्तगाल (Portugal) की राजधानी लिस्बन (Lisbon) पहुंचीं। यह पुर्तगाल और स्लोवाकिया (Slovakia) की उनकी 7 से 10 अप्रैल तक की चार दिन की राजकीय यात्रा की शुरुआत है। मुर्मू यह दौरा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर कर रही हैं। यह यात्रा 27 साल बाद हो रही है। इससे पहले 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने पुर्तगाल की राजकीय यात्रा की थी।
भारतीय राष्ट्रपति का 29 साल बाद स्लोवाकिया दौरा
9 से 10 अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाकिया में रहेंगी। यह यात्रा स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेल्लेग्रिनी के निमंत्रण पर हो रही है। पिछले 29 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह पहली स्लोवाकिया यात्रा होगी।
राष्ट्रपति मुर्मू के दौरे पर क्या बोला विदेश मंत्रालय
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की राजकीय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। पिछले 25 वर्षों से ज्यादा समय बाद भारत की राष्ट्रपति की इन दोनों देशों में पहली राजकीय यात्रा है।’
भारत-पुर्तगाल राजनयिक संबंधों के पचास साल
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, यह यात्रा भारत के इन दोनों अहम यूरोपीय साझेदारों के साथ बहुआयामी सहयोग को और विस्तार देगी। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा बताया। पुर्तगाल यात्रा के बारे में जानकारी साझा करते हुए सचिव तन्मय लाल ने कहा कि राष्ट्रपति की यात्रा ऐतिहासिक बन जाती है क्योंकि भारत और पुर्तगाल इस समय अपने राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे कर रहे हैं। यह यात्रा ‘दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी को आगे बढ़ाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति की पुर्तगाल की पिछली यात्रा को 27 साल हो चुके हैं, इसलिए यह यात्रा बहुत प्रतीकात्मक और ऐतिहासिक है। राष्ट्रपति पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर वहां जा रही हैं।’ सचिव लाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और पुर्तगाल के बीच उच्च स्तरीय दौरे लगातार हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत और सक्रिय संबंधों को दर्शाते हैं।
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