नई दिल्ली. मुहांसे पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से होने वाली आम समस्याओं में से एक हैं. ये कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे- हार्मोन का असंतुलन(Hormone imbalance) , तनाव, गलत और असंतुलित खानपान, बालों की देखभाल के गलत तरीके आदि. हालांकि, बहुत से लोग मानते हैं कि मुहांसे केवल किशोरावस्था (Adolescence) के दौरान ही होते हैं. ये एक भ्रम है जिसमें कोई सच्चाई नहीं है. मुहांसे 30 और 40 की उम्र में भी लोगों, खासकर महिलाओं में विकसित हो सकते हैं.
त्वचा विशेषज्ञ डॉ. आंचल पंथ के अनुसार, इस उम्र में मुहांसे कई कारणों से हो सकते हैं. डॉ. पंथ ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल के जरिए मुहांसों से जुड़ी बातें साझा की हैं. डॉ. बताती हैं, ‘यह एक आम गलत धारणा है कि मुहांसे(acne) केवल किशोरावस्था में ही होते हैं. हमारे पास बहुत सी ऐसी महिलाएं आ रही हैं जिन्हें पहली बार 30 और 40 की उम्र में मुहांसे हो रहे हैं. इसका कोई एक कारण नहीं है बल्कि यह कई कारणों से होता है.’
डॉ. आंचल पंथ ने महिलाओं में 30 और 40 की उम्र में मुहांसे होने को लेकर कुछ कारण बताए हैं जैसे-
हार्मोन का असंतुलन- डॉ. पंथ बताती हैं कि जिन महिलाओं को इस उम्र में मुहांसे होते हैं, उनके मासिक धर्म की हिस्ट्री जानना बेहद जरूरी है. महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव मुहांसों का कारण हो सकते हैं.
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तनाव- व्यक्ति अगर तनाव में रहता है तो उसका तनाव(Tension) किसी न किसी रूप में उसके स्किन पर दिखने लगता है. मुहांसे भी उसी तनाव का एक रूप हो सकते हैं. डॉ. आंचल पंथ कहतीं हैं, ‘किसी भी तरह का तनाव मुहांसे या स्किन की कोई और समस्या पैदा कर सकता है.’
अधिक धूप का लगना- मुहांसे से बचने के लिए स्किन को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वॉयलेट किरणों (ultra violet rays) से बचाना बेहद जरूरी है. अधिक धूप लगने से मुहांसों की समस्या हो सकती है. इसलिए धूप में निकलने से पहले अपने चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
मोटापा और बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल- हमारे खानपान का हमारी त्वचा की सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. डॉ पंथ के अनुसार, 30 से 40 की उम्र के वयस्कों में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और मोटापे (cholesterol and obesity) का संबंध मुहांसों से होता है.
चीनी और दूध का अधिक सेवन- डॉ पंथ कहती हैं कि अगर आप मुहांसों की समस्या से जूझ रहे हैं तो चीनी और दूध का सेवन बिल्कुल कम कर दें या उनसे परहेज करें. उन्होंने कहा, ‘अधिक चीनी और दूध शरीर में इंसुलिन जैसे विकास कारक (IGF) को बढ़ाते हैं. IGF अधिक तेल बनाने के लिए तेल बनाने वाली ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और इससे मुहांसों की समस्या गंभीर हो सकती है.’
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