डेस्क: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राजगढ़ संसदीय सीट (Rajgarh Parliamentary Seat) से कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने अपना नामांकन (Nomination) फार्म जमा कर दिया है. दिग्विजय सिंह ने शुभमुहूर्त में अपना नामांकन जमा किया. खास बात यह है कि इस दौरान दिग्विजय सिंह के साथ समर्थकों का कोई भी लाव लश्कर मौजूद नहीं था. महज 5 लोग मौजूद थे, जिसमें दिग्विजय सिंह, पत्नी अमृता सिंह, अधिवक्ता, एक मजदूर व एक किसान साथ रहे.
दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है राजगढ़ लोकसभा सीट
बता दें कि 33 साल बाद दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राजगढ़ संसदीय सीट दिग्विजय सिंह परिवार का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर दिग्विजय सिंह स्वयं 2 बार, जबकि उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह 4 बार सांसद चुने जा चुके हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने इस बार दिग्विजय सिंह को फिर से इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि उनके प्रतिद्वंदी के रूप में बीजेपी ने रोडमल नागर को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर द्वारा एक दिन पूर्व 15 अप्रैल को ही अपना नामांकन फार्म जमा किया है. रोडमल नागर के नामांकन के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग मौजूद रहे.
दिग्विजय सिंह ने की थी अपील
2 दिन पहले ही दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया था कि वे नामांकन के दौरान कार्यालय पहुंचने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं करेंगे. दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि नामांकन जमा करने के दौरान साथियों और कार्यकर्ताओं के लिए गर्त और ताकत प्रदर्शित करने का अवसर होता है, परन्तु मेरा निवेदन है कि जिस वक्त मैं अपना पर्चा दाखिल करूं, उस वक्त आप मेरी बजाय मतदाताओं के बीच रहे. आप अपने-अपने पोलिंग बूथ पर जाकर बूथ कमेटी की मीटिंग करें. दिग्विजय के आव्हान का असर यह रहा कि कोई भी कार्यकर्ता दिग्विजय के नामांकन फार्म जमा कराने के समय पर नहीं पहुंचा.
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