नई दिल्ली (New Delhi)। राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में एक भले ही यमुना नदी का जलस्तर (Yamuna river water level) धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. लेकिन मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. क्योंकि दिल्ली के कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. हालांकि जिन इलाकों से पानी उतर रहा है, वहां अब नई मुसीबतें (new troubles) सामने आ रही हैं. क्योंकि इन इलाकों में अब मलबा और गंदगी (debris and dirt) का आलम है. इतना ही नहीं, अब बीमारियों का भी खतरा मंडराने लगा है।
उधर, ASI ने कहा है कि पानी कम होने के बाद ये भी जांच की जाएगी कि कहीं लाल किले को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा है. वहीं, यमुना का जलस्तर घटने के बाद अब गंगा रौद्र रूप दिखाने लगी है. देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान के ऊपर रही है, साथ ही हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है।
मलबा और मृत गौवंश के शव बने आफत
यमुना बाजार इलाके में राजघाट को आईएसबीटी, कश्मीरी गेट से जोड़ने वाली अंडर-ब्रिज सड़क मलबे और गायों के शवों के कारण बंद हो गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले तीन दिनों से प्रशासन की ओर से कोई भी इन शवों को उठाने नहीं आया. गायों के शव संक्रमित होने लगे हैं, इससे क्षेत्र में दुर्गंध आ रही है।
शिकायत के बाद भी कोई नहीं पहुंचा
स्थानीय लोगों के मुताबिक ये मृत गायें स्थानीय गौशाला की हैं. जिन गायों को रेस्क्यू किया गया, उन्हें पुल के नीचे बांध दिया गया है. लेकिन लोगों की शिकायत है कि इन गायों की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. स्थानीय निवासी सुनील कुमार ने बताया कि गायों के शव बाढ़ के दौरान यमुना के प्रवाह के साथ यहां आए थे. स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं कि न तो हमारे विधायक आए और न ही हमारे नगर निगम पार्षद. सुनील ने कहा कि बाढ़ में कुत्तों और कई अन्य जानवरों की भी जान चली गई है. अब इलाके के लोग पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपने घरों को लौट सकें. मतलब साफ है कि बाढ़ का पानी दिल्ली के जिन इलाकों में घुसा, वहां अब हालात बेहतर होने की बजाय बदतर हैं।
ASI करेगा लाल किले की जांच
वहीं ASI का कहना है कि हम दिल्ली के लाल किले से पानी पूरी तरह से कम होने का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि पीछे की ओर अभी भी पानी भरा हुआ है. एएसआई ने कहा है कि एक बार पानी कम होने के बाद इस बात की जांच की जाएगी कि लाल किले को किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचा है।
अब सता रही ये टेंशन
यमुना का पानी दिल्लीवालों के लिए आफत छोड़कर जा रहा है. क्योंकि अब निचले इलाकों में सड़कों पर गंदगी का अंबार लग चुका है. सड़कों पर यमुना के पानी के साथ-साथ नाले का पानी, कूड़ा-कचरा और सीवर की गंदगी भी बह रही है. इसके कारण आने वाले दिनों में कई तरह की बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. वहीं बारिश का दौर भी अभी थम नहीं रहा है. रविवार को भी दिल्ली के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई. दिल्ली सरकार का कहना है कि अगर बारिश हुई तो फिर से हालात बिगड़ सकते हैं, क्योंकि ऐसा होने पर एक बार फिर यमुना का जलस्तर बढ़ेगा. साथ ही दिल्ली में पहले से ही जलभराव की समस्या से जूझ रहे इलाकों में और स्थिति खराब हो जाएगी।
बाढ़ का पानी कम होने से कुछ रूट्स खोले
दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा बाढ़ की स्थिति में रविवार को कुछ सुधार होने पर भैरों मार्ग समेत कुछ सड़कें यातायात के लिए खोल दी गईं. आईएसबीटी कश्मीरी गेट से तिमारपुर और सिविल लाइन्स (मॉल रोड साइड) तक रिंग रोड रोड भी खोल दिया गया है. इसके अलावा, सराय काले खां से आईपी फ्लाईओवर से राजघाट तक रिंग रोड मार्ग को हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है. शांति वन से मंकी ब्रिज और यमुना बाजार – आईएसबीटी तक रिंग रोड मार्ग अभी भी बंद है।
यात्रियों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी
दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी में कहा गया है कि मजनूं का टीला से हनुमान सेतु तक रिंग रोड बंद है. आईपी कॉलेज से चंदगीराम अखाड़े तक का कैरिजवे भी बंद है. चंदगीराम अखाड़े से शांति वन तक का कैरिजवे कीचड़ के कारण बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसके खुलने से यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है. ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक हनुमान सेतु से सलीम गढ़ बाइपास से आईपी फ्लाईओवर तक एक कैरिजवे खोल दिया गया है. निज़ामुद्दीन जाने वाले यात्री इस सड़क का उपयोग कर सकते हैं और अक्षरधाम सेतु लूप के माध्यम से आईपी फ्लाईओवर से विकास मार्ग तक बाएं मुड़ सकते हैं. इसके अलावा मुकरबा से वजीराबाद तक आउटर रिंग रोड के दोनों कैरिजवे खोल दिए गए हैं. यातायात पुलिस ने कहा कि पुश्ता से शमशान घाट तक का पुराना लोहे का पुल भी खोल दिया गया है, जबकि आईएसबीटी कश्मीरी गेट बंद है. एडवाइजरी में कहा गया है कि सिंघु, टिकरी, राजोकरी, बदरपुर, चिल्ला, गाजीपुर, लोनी, अप्सरा और भोपुरा सहित दिल्ली के बॉर्डर से भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आवश्यक वस्तुओं और राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
गंगा के जलस्तर में भारी उछाल
उत्तराखंड में रविवार को कई स्थानों पर बारिश हुई. बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान के ऊपर रही है, साथ ही हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक गंगा 463.20 मीटर पर बह रही थी, जिसके बाद संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया. अलकनंदा नदी पर बने बांध से 2,000-3,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा के जलस्तर में भी जबरदस्त उछाल आया।
हरिद्वार में अलर्ट जारी
अधिकारियों ने कहा कि रविवार शाम हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर 293 मीटर को पार कर 293.15 मीटर पर पहुंच गई, नदी के बढ़े हुए स्तर के कारण निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved