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मुंबई में 2 जनवरी तक कर्फ्यू का ऐलान, जानें क्या-क्या रहेगा बैन; पढ़ें पूरा आदेश

December 02, 2022

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में अचानक धारा 144 लागू करने का ऐलान कर दिया गया है. शहर में शांति सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी प्रकार के व्यवधान से बचने के लिए मुंबई पुलिस ने 4 दिसंबर से 2 जनवरी तक शहर में धारा 144 लागू कर दिया है. इस दौरान पांच या इससे अधिक लोगों के एक साथ एक जगह इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है.

मुंबई पुलिस द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 4 दिसंबर 2022 से 2 जनवरी 2023 तक शहर में हथियारों, फायर आर्म्स, तलवारों और अन्य हथियारों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इतना ही नहीं, इस दौरान सार्वजनिक जगहों पर नारेबाजी, प्रदर्शन और गानों के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है.

तो चलिए जानते हैं 2 जनवरी तक मुंबई में क्या क्या बैन रहेगा.

  • लाउडस्पीकर, वाद्य यंत्र और बैंड बजाने और पटाखे फोड़ने पर रोक.
  • सभी प्रकार के विवाह समारोहों, अंतिम संस्कार सभाओं, कब्रिस्तानों के रास्ते पर जुलूस, कंपनियों, क्लब, सहकारी समितियां और अन्य संघों की बड़े पैमानों पर बैठकों पर रोक.
  • सरकारी या अर्धसरकारी कार्य करने वाले सरकारी कार्यालयों, अदालतों और स्थानीय निकायों के आसपास 5 या अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक.
  • क्लबों, थिएटरों या सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों के आसपास या किसी भी स्थान पर बड़े पैमाने पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक. नाटकों या कार्यक्रमों, कृत्यों को देखने के उद्देश्य से इकट्ठा होने पर भी रोक.
  • अदालतों और सरकारी कार्यालयों के आसपास और सरकारी या अर्धसरकारी कार्य करने वाले स्थानीय निकायों के आसपास लोगों के जमावड़े पर रोक.
  • शैक्षणिक गतिविधियों के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बैठक पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
  • कारखानों के सामान्य व्यवसाय के लिए बैठक पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
  • दुकानों व प्रतिष्ठानों या व्यवसाय से जुड़ी बैठकों और सभाओं व जुलूसों के प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध.
  • मुंबई पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, सेक्शन 144 यानी धारा 144 को संवैधानिक भाषा में कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर यानी सीआरपीसी धारा 144 कहा जाता है. इस धारा की रूप रेखा राज रत्न ईएफ देबु ने तैयार की थी. जो पहली बार साल 1861 में बड़ौदा स्टेट में लागू की गई. सुरक्षा संबंधी खतरे या दंगे की आंशका होने पर क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए इस धारा का इस्तेमाल होता है. इसके लगने के बाद 5 या उससे ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं. इसको लागू करने के लिए जिलाधिकारी को एक नोटिफिकेशन जारी करना पड़ता है. धारा 144 और कर्फ्यू में बड़ा अंतर होता है. कर्फ्यू के दौरान लोगों को अपने घरों में रहने का निर्देश होता है, जहां मार्केट, स्कूल और कॉलेज आदि बंद रहते हैं. लेकिन धारा 144 के दौरान सभी कुछ खुला रहता है. बस केवल भीड़भाड़ करने की इजाजत नहीं होती है.

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