नई दिल्ली। देश में अपराधों की कुल संख्या में भले ही कमी आई है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अत्याचार (atrocities against women) बढ़ा है। इसकी प्रमुख वजह कोरोना महामारी (corona pandemic) में लोगों में तनाव बढ़ना है। एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने इकोरैप रिपोर्ट (ecowrap report) में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) (National Crime Records Bureau (NCRB)) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2021 के दौरान देश में अपराधों की कुल संख्या 7.6 फीसदी घटकर 61 लाख रह गई।
हर लाख आबादी पर अपराध की दर (क्राइम रेट) भी 2020 के 487.8 से कम होकर 445.9 रह गई। हालांकि, इस दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 15.3 फीसदी बढ़कर 4.3 लाख पहुंच गई। 2020 में यह आंकड़ा 3.7 लाख था। ध्यान देने वाली बात है कि घरेलू हिंसा की वजह से महिलाओं के खिलाफ 12 फीसदी अपराध बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल में लोग ज्यादातर समय घरों में रहे, जिससे तनाव बढ़ा।
2021 में आईपीसी निर्धारित अपराधों की संख्या 13.9% कम होकर 36.6 लाख रह गईं। हालांकि, स्पेशल एंड लोकल लॉ अपराधों की संख्या 3.7% बढ़कर 24.3 लाख पहुंच गई।
आधी आबादी शहरों में भी असुरक्षित
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बड़े शहरों में महिलाएं ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि वहां की पुलिस ज्यादा सक्रिय है। लेकिन, आंकड़े इसके ठीक उलट कहानी बयां कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 19 मेट्रो शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 22.9 फीसदी बढ़कर 43,414 पहुंच गईं। इनमें घरेलू हिंसा के भी मामले शामिल हैं।
कुल मामलों में दिल्ली की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा एक तिहाई है। मुंबई दूसरे और बंगलूरू तीसरे स्थान पर है। 43,414 मामलों में इन तीनों शहरों की हिस्सेदारी अकेले 52 फीसदी है।
कम दाखिल होते हैं चार्जशीट
मेट्रो शहरों में चार्जशीट दाखिल होने की दर सिर्फ 75.7% है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह दर 77.1% है। दिल्ली में इसकी दर 71.1% फीसदी है।
यूपी, पंजाब समेत इन राज्यों में बेहतर हालात
राज्य 2020 2021 बदलाव
तमिलनाडु 13.8 7.6 -45.1%
उत्तराखंड 0.6 0.3 -39.2%
पंजाब 0.8 0.7 -11.2%
हिमाचल 0.2 0.2 -8.7%
उत्तर प्रदेश 6.6 6.1 -7.6%
आंध्र प्रदेश 2.4 2.2 -7.3%
केरल 5.5 5.2 -5.4%
ओडिशा, बिहार, राजस्थान में बढ़े मामले
राज्य 2020 2021 बदलाव
ओडिशा 1.3 1.6 15.8%
मध्य प्रदेश 4.3 4.8 11.2%
असम 1.2 1.3 9.6%
बिहार 2.6 2.8 9.5%
राजस्थान 2.6 2.8 9.3%
कर्नाटक 1.5 1.6 9.1%
तेलंगाना 1.5 1.6 7.7%
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