भोपाल। देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे (expressway) है जो कि मध्य प्रदेश के तीन जिलों रतलाम, मंदसौर और झाबुआ (Ratlam, Mandsaur and Jhabua) से गुजर रहा है। आठ लेन वाला यह एक्सप्रेसवे 1350 किमी लंबा है। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दिल्ली-मुंबई का सफर महज 12 घंटे पूरा हो सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे का 244.17 किमी का हिस्सा मध्य प्रदेश के तीन जिलों रतलाम, झाबुआ, मंदसौर के 137 गांवों से होकर गुजर रहा है। इसमें से 106 किमी का काम पूरा हो चुका है और बाकी 143 किमी नवंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। उज्जैन, देवास, इंदौर और गरोठ (Ujjain, Dewas, Indore and Garoth) को भी जोड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेसवे में बनाए जाएंगे जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी। रतलाम-मंदसौर-झाबुआ जिलों के 130 से ज्यादा गांवों की 2500 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा।
जून 2022 तक इसको आम जनता के लिए खोला जा सकता है। 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 1350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली (Delhi), महाराष्ट्र (Maharashtra), हरियाणा (Haryana), राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और गुजरात (Gujarat) से गुजर रहा है। फिलहाल, 8 लेन बनाए जा रहे हैं। भविष्य में 4 लेन और बनाएं जाएंगे। पूरा काम मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है। इस एक्सप्रेस-वे का 244.17 किमी का हिस्सा मध्य प्रदेश के तीन जिलों रतलाम (Ratlam), झाबुआ (Jhabua), मंदसौर (madsaur) के 137 गांवों से होकर गुजर रहा है। 106 किमी का काम पूरा हो चुका है. बाकी 143 किमी। नवंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है।
बता दे की ये मालवा-निमाड़ (Malwa-Nimar) क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खोलेगा। धार, झाबुआ, रतलाम, देवास, इंदौर , उज्जैन, मंदसौर दिल्ली-मुंबई, गुजरात (Gujarat) और राजस्थान (Rajasthan) के सीधे कनेक्ट हो जाएंगे। इन जिलों के किसान बड़ी मंडियों में अपनी उपज बेच सकेंगे। सब्जियां भी लंबी दूरी की मंडियों तक आसानी से कम समय में पहुंच सकेंगी। कोचिंग सिटी कोटा पहुंचने में इन जिलों के छात्रों को कम समय लगेगा। दिल्ली-मुंबई और गुजरात-राजस्थान की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को भी सहूलियत हो जाएगी। कच्चा माल दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों की राजधानियों से आना आसान होगा। एक्सप्रेस-वे के बन जाने से रतलाम से मुंबई के बीच 125 किमी दूरी कम होगी. रतलाम से दिल्ली के बीच 150 किमी दूरी कम होगी। उज्जैन, देवास, इंदौर को भी जोड़ा जाएगा।
मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेस-वे में बनाए जाएंगे, जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यापारिक केंद्र के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। भोपाल के आसपास के शहरों से दिल्ली-मुंबई के लिए नया रास्ता खुलेगा। इसके अलावा अगर आप एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे हैं और किसी कारण वश आपके साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो एक्सप्रेसवे के किनारे ही उपचार मिलेगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) पीपीपी मॉडल पर एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल बना रही है। रतलाम रेल मंडल होने से कनेक्टिविटी मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रतलाम के आसपास उज्जैन, नीमच, इंदौर को भी इसका फायदा मिलेगा। औद्योगिक एवं वित्तीय विकास से नौकरियों के अवसर बनेंगे।
मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन बनाए जाएंगे। इसमें रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरसेक्शन बनाया जा रहा है। इन्हीं इंटरसेक्शन से लोग एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे और उतरकर अपने जिले में प्रवेश कर सकेंगे। हर इंटरसेक्शन के दोनों तरफ टोल नाके बनेंगे। एक्सप्रेस-वे पर जाने से पहले वाहन चालकों को टोल चुकाना होगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, वडोदरा की ओर से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में प्रवेश करेगा। यह थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा जबकि दिल्ली की ओर से यह राजस्थान के भवानीमंडी क्षेत्र से मप्र सीमा में एंट्री करेगा। MP में 214 पुल, 511 पुलियां, 100 छोटे-बड़े अंडरपास और 7 टोल बूथ बनाए जा रहे हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से इंदौर, उज्जैन को भी जोड़ा जा रहा है। देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया फोर लेन रोड बनाकर इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जा रहा है। इंदौर से गरोठ तक कुल 173 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1890 करोड़ रुपए बताई जा रही है। अभी इंदौर से गरोठ जाने के लिए घूमकर 240 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। साढ़े चार से पांच घंटे लगते हैं। नया फोरलेन बनने के बाद इंदौर से गरोठ के बीच की दूरी घटकर 190 किलोमीटर रह जाएगी, जिसे सवा दो से ढाई घंटे लगेंगे।
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