भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बढ़ते डिजिटल क्राइम को देखते हुए सरकार एक नई पहल के साथ सामने आई है. इसमें प्रदेश में डिजिटल क्राइम की दर कम करने के लिए एक नया कदन उठाया जा रहा है. जिस प्रकार वीवीआईपी और देश की सुरक्षा के लिए कमांडोज की तैनाती होती है. उसी प्रकार आने वाले दिनों में प्रदेश को साइबर जालसाजों से बचाने के लिए साइबर कमांडो को पदस्थ किया जाएगा.
बता दे कि राज्य में साइबर हमले से निपटने के लिए अप्रैल से पहले बैच में छह कमांडोज तैनात किए जा रहे हैं जो साइबर गुनहगारों पर अपनी पैनी नजर रख प्रदेश को इनके नेटवर्क से बचाएंगे. फिलहाल मध्य प्रदेश के लिए साइबर कमांडो के पहले बैच की छह महीने की ट्रेनिंग 31 मार्च को पूरी हो रही है. इसी के साथ भोपाल पुलिस मुख्यालय के अधिकारी ने बताया है कि दूसरे बैच के लिए प्रदेश के 39 पुलिसकर्मियों का चयन हो चुका है जल्द ही उनके ट्रेनिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दे कि ट्रेनिंग में कॉन्स्टेबल से लेकर उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं.
प्रदेश को साइबर गिरोह से बचाने के लिए तैनात होने जा रहे कमांडो साइबर सुरक्षा से लेकर अपराधों की जांच जैसी गतिविधियों में शामिल रहेंगे. साइबर खतरों से नेटवर्क और डाटा को सुरक्षित रखना, नेटवर्क या सिस्टम को हैकिंग और वायरस के हमलों से निपटाना, नेटवर्क की निगरानी, डेटा लीक रोकने के साथ-साथ बड़े साइबर अपराधों की जांच की जिम्मेदारी साइबर कमांडो को दी गई है. बता दें कि अमित शाह ने भी इस पहल को बढ़ावा देते हुए देशभर में अलग-अलग बैच में मिलाकर पांच हजार कमांडो तैनात करने का निर्णय लिया है जिससे की बड़े पैमाने पर देश को साइबर सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ साइबर फ्रॉड पर भी निगरानी हो पाए.
प्रदेश में बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामले किसी से छुपे नहीं है, आए दिन कोई न कोई इन हमलों का शिकार हो रहा है. हाल ही में एमपी के मंदसौर, उज्जैन एवं देवास से ऐसे गिरोह को पकड़ा गया है जो जॉब फ्रॉड का आड़ में लोगों से पैसै एंठते थे. ऑनलाइन जॉब, घर बैठे टास्क कम्पलीट कर रुपये कमाने का लालच देकर इस गिरोह ने करीब 16 लाख रूपये एंठे है जिसके बाद मामले की शिकायत होने पर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
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