नेशनल लोक अदालत में सबसे ज्यादा चैक बाउंस के केस…फिर बिजली की बारी
इंदौर। बादलों के बदलते तेवरों के बीच आज सुबह जिला कोर्ट परिसर (District Court Complex) में इस साल की तीसरी नेशनल लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन हुअ, जिसमें बारिश से बचाव के लिये वॉटरप्रूफ पंडाल लगाये गये हैं। इसमें सबसे ज्यादा केस चैक बाउंस के हैं। दूसरे नंबर पर बिजली के प्रकरणों की भरमार है। खास बात यह है कि 38 हजार 229 ऐसे भी केस हैं, जो कोर्ट में नहीं पहुंचे और उनका इस अदालत के जरिये आपसी सुलह-समझौते की कोशिशें हो रही हैं।
सूत्रों के अनुसार आज सुबह से ही जिला कोर्ट के मुख्य द्वार पर पुलिस चाक-चौबंद है। कोर्ट परिसर में वकीलों के टीनशेड के नीचे ही बिजली व टेलीकॉम कंपनियों ने बकाया वसूली के लिए डेरा जमा लिया हैं, वहीं सुविधा की दृष्टि से वॉटरप्रूफ पंडाल भी बनाये हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निपटारा हो सके। पूरी लोक अदालत में 62 हजार से ज्यादा प्रकरण निराकरण के लिये रखे गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रकरण प्री-लिटिगेशन के 38229 रखे गए हैं। ये वे मामले हैं, जिनमें कोर्ट में केस नहीं लगा है। उसके पहले ही उसे कोर्ट के बाहर आपसी समझौते से निपटाने की कोशिश की जाती है, यानी नेशनल लोक अदालत में जितने केस रखे गए हैं, उसके आधे केस तो अभी कोर्ट में पेश होना ही बाकी है, जिसे लंबी कोर्ट-कचहरी करने की बजाय लोक अदालत के जरिये निपटाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं कोर्ट में लंबित जिन प्रकरणों को अदालत में निपटारे हेतु रखा गया है, उनमें सर्वाधिक 6669 मामले चैक बाउंस से संबंधित हैं और इनके बाद बिजली बिल बकाया या चोरी आदि से संबंधित केस की संख्या आती है, जिनकी संख्या 5165 है, जबकि तीसरे स्थान पर क्लेम के कुल 2192 केस रखे गए हैं।
ये केस भी इतनी तादाद में…
राजीनामे लायक क्रिमिनल केस 7415
राजीनामे लायक सिविल केस 1335
फैमिली विवाद 468
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