भोपाल। मप्र में 5 निर्माण एजेंसियों के बावजुद 4 हजार किमी से अधिक सड़कें जर्जर हो गई हैं। इन पर चलना मुश्किल हो गया है। गड्ढों में गायब हो चुकी भोपाल की सड़कों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव समेत भोपाल कमिश्नर-कलेक्टर और एजेंसियों के प्रमुखों की मीटिंग ली। बैठक में मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताकर अफसरों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा, मुझे एक्सक्यूज नहीं चाहिए। गड्ढे खत्म करें। भोपाल की सड़कों की जिम्मेदारी 1 या 2 एजेंसी के पास हो या ढेर एजेंसी की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि परंपरा बदल दो। आज से तत्काल प्रभाव से राजधानी परियोजना प्रशासन समाप्त। इसकी जरुरत नहीं है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 5 एजेंसियां सडकें बनाती हैं, इनमें एमपीआरडीसी, लोकनिर्माण विभाग, राजधानी परियोजना प्रशासन, नगर निगम और मप्र ग्रामीण सड़क विकास निगम शामिल हैं। लेकिन गुणवताहीन निर्माण के कारण सड़कें थोड़ी सी बारिश में जर्जर हो जाती हैं। बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सड़कों के संबंध में नाराजगी व्यक्त की है। बता दें, राजधानी भोपाल की 50 प्रतिशत सड़कें बारिश के कारण बदहाल हो गई है। ऐसी कोई सड़क नहीं है, जो गड्ढों से न पटी हो या फिर उन पर धूल के गुबार न उड़ रहे हों। बारिश होते ही सड़कों पर कीचड़ फैला जाता है। इन सड़कों को लेकर मध्यप्रदेश की सियासत तक गर्मा चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव सड़कों के मुद्दे पर सरकार को घेर चुके हैं। राजधानी की ऐसी कोई सड़क नहीं है, जो गड्ढों से न पटी हो। इससे सरकार और जनप्रतिनिधियों की किरकिरी भी हो रही है। पूर्व प्रोटेम स्पीकर और हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी तीन दिन पहले हुई कार्यशाला में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। वहीं, जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा किया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved