नई दिल्ली। केंद्र सर्कार ने महाराष्ट्र में अपनाये गए प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर स्टांप शुल्क घटाने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को सहराया है साथ ही अन्य राज्यों को महाराष्ट्र से सीखने की सलाह दी है।
रियल एस्टेट में सुस्त पड़ी मांग को तेज करने के लिए आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्यों को स्टांप शुल्क कम करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी राज्यों को स्टांप शुल्क कम करने की सलाह दी थी, जैसे महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा किया है। हम अन्य राज्यों से भी ऐसा करने के लिए कहेंगे। ’’ स्टांप शुल्क संपत्ति के लेनदेन पर राज्य सरकार की ओर से वसूला जाने वाला टैक्स है जो उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा होता है। महाराष्ट्र सरकार ने 1 सितंबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 के बीच स्टांप शुल्क घटाकर तीन प्रतिशत करने की घोषणा की। जबकि एक जनवरी, 2021 से 31 मार्च, 2021 के बीच में स्टांप शुल्क घटाकर दो प्रतिशत करने का निर्णय किया है। अन्य प्रदेशो में मौजूदा समय में शहरी क्षेत्रों में स्टांप शुल्क पांच प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में चार प्रतिशत है।
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