नई दिल्ली। कोविड-19 की महामारी से पहले भारत में वर्क फ्रॉम होम को लोग जानते तक नहीं थे लेकिन अब यह सिस्टम प्रचलन में आ गया है। कोरोना ने ही कारोबारियों को सिखाया कि कम लागत में वक्त बचाकर कैसे ज्यादा काम लिया जा सकता है। चूंकि अब कारोबारी जगत इसे स्वीकार कर चुका है, तो कारोबारियों ने इस बारे में एक नीति बनाने की मांग की है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि वर्क फ्रोम होम बेशक कोविड आपदा के कारण मजबूरी में स्वीकार किया गया हो। लेकिन अब यह देश में कारोबार करने का एक बड़ा जरिया बन गया है। कैट ने कहा कि अब इसके लिए एक नीति बनाया जाना बेहद जरूरी है, ताकि इससे मालिकों और कर्मचारियों के बीच शोषण अथवा उत्पीड़न की किसी भी संभावना को खत्म किया जा सके।
कैट ने बताया कि इस संबंध में 09 सितम्बर,2020 को एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर अनुरोध किया कि वे संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों को यह निर्देश दें कि वे नवीन रूप से विकसित वर्क फ्रॉम होम कार्यपद्धति के लिए आवश्यक नियम एवं कायदे तैयार करें। ताकि उत्पादकता में वृद्धि हो, कार्य कुशलता बढ़े और लोग बिना किसी सोच विचार के तेजी से उभरती इस कार्यपद्धति को अपनाएं।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम की नई कार्य प्रणाली बेहतर है। इसलिए इस व्यापारिक मॉडल के लिए एक मजबूत और नियमों एवं कायदों की बेहद जरूरत है। खंडेलवाल ने कहा कि कोविड-19 ने भारत और दुनियाभर में एक नई कार्यप्रणाली को जन्म दिया है। जो वक़्त और हालात को देखते हुए स्वयं ही अस्तित्व में आई है। इसे देशभर में एक सफल मॉडल के रूप में अपनाया है। वर्क फ्रॉम होम कार्य प्रणाली ने कार्यालय की जरूरत को बेमानी करार देते हुए के बिपरीत परिस्थितियों में दूर से काम करने की नई प्रणाली को विसकसित किया है।
खंडेलवाल का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम केवल कॉर्पोरेट या उद्योग क्षेत्र ही नहीं, बल्कि छोटे व्यवसायों से जुड़े स्व-संगठित क्षेत्र ने भी इसको एक बेहतर विकल्प के रूप में अपनाया है। यह मॉडल जिसमें कई अन्य फायदों के साथ बुनियादी ढांचे की लागत को कम करने की क्षमता है, निश्चित रूप से कोविड संकट का समाधान होने के बाद भी रहने वाला है। उन्होंने कहा कि ये व्यापार और वाणिज्य का एक अभिन्न अंग बन गया है।
कैट महामंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण और लॉकडाउन के बावजूद भी वर्क फ्रॉम होम मॉडल सरकार, बैंकिंग क्षेत्र, व्यापार, उद्योग, शैक्षिक क्षेत्र, मीडिया, स्वास्थ्य सेवाओं, मनोरंजन, बीमा, वित्तीय सेवाओं और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में समान रूप से चालू है। इसके अलावा न केवल व्यक्तिगत बातचीत बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों, सम्मेलनों और संगठनों की एजीएम और राजनीतिक रैलियों सहित कई अन्य कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया है। इसे देखते हुए सरकार इसके लिए नियम बनाए। (एजेंसी, हि.स.)
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