नई दिल्ली: ब्रिटेन (Britain) का एक पूरा शहर दिवालिया घोषित हो गया है. ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम (second largest city birmingham) की सिटी काउंसिल (Bermingham City Council) ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के खर्च तत्काल प्रभाव से बंद (closed with immediate effect) करने की घोषणा की है. स्थानीय प्रशासन संभाल रही काउंसिल के अधिकारियों के मुताबिक, लाखों पाउंड की वार्षिक बजटीय कमी के कारण परिषद पूरी तरह से दिवालिया हो गई है. काउंसिल का कहना है कि उसके सामने गंभीर वित्तीय हालात पैदा हो गए हैं, क्योंकि उसे ‘समान वेतन दायित्व’ के लिए भी पैसा देना है, लेकिन उसके पास इसके लिए पैसा जुटाने के पर्याप्त रिसोर्स नहीं बचे हैं.
सिटी काउंसिल (city council) के अंतरिम वित्त निदेशक फियोना ग्रीनवे ने लोकल गवर्नमेंट एक्ट की धारा 114 (3) के तहत एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के बाद धारा 114 का नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बेसहारा लोगों की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के नए खर्च बंद किए जा रहे हैं. काउंसिल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, वित्त निदेशक की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि समान वेतन दायित्व को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त रिसोर्स नहीं हैं. साथ ही फिलहाल कोई अन्य तरीका भी मौजूद नहीं है. बयान में आगे कहा गया कि काउंसिल ने पहले ही खर्चों पर कंट्रोल घोषित कर रखा है. खर्चों पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए इन्हें धारा 151 अधिकारी से मंजूर कराना अनिवार्य किया गया है. अब नए नोटिस को जारी करने का मतलब है कि सभी तरह के नए खर्च तत्काल प्रभाव से बंद किए जा रहे हैं.
बर्मिंघम की सिटी काउंसिल को सभी यूरोपीय देशों में सबसे बड़ा स्थानीय निकाय माना जाता है. बर्मिंघम सिटी काउंसिल में 100 काउंसिलर्स हैं. बर्मिंघम शहर के दिवालिया घोषित होने से ब्रिटिश सरकार में भी चिंता का माहौल है. ब्रिटिश सरकार के विभाग इस स्थिति से निपटने के लिए कोशिश कर रहे हैं. हाउसिंग एंड कम्युनिटीज (DLUHC) विभाग ने कहा कि हम हालिया महीनों के दौरान दबाव का सामना करने के लिए लगातार काउंसिल से संपर्क में बने हुए हैं. DLUHC ने आगे कहा, हमने काउंसिल के लीडर से लिखित में इस बात का आश्वासन देने का अनुरोध किया है कि काउंसिल की तरफ से जारी समान वेतन का फैसला टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल है.
बर्मिंघम के वेस्ट मिडलैंड्स रीजन की मेयर एंडी स्ट्रीट ने कहा कि दिवालिया होने की खबर नागरिकों के लिए बेहद बुरी है. देश के सामने पिछले दशक के दौरान आए बुरे दौर में स्थानीय निकायों को बेहद अप एंड डाउन का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते उन्हें कई अहम कटौती से गुजरना पड़ा है. हालांकि सरकारी फंडिंग हालिया सालों में सुधरी है, लेकिन अब भी लोगों की अपेक्षाओं के मुताबिक सेवाएं संचालित करना असली चैलेंज बना हुआ है.
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