हमीरपुर । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में स्कूलों (Schools) में मैजिक शो (Magic Show) के दौरान जादूगर से कमाई का 30 फीसदी हिस्सा मांगने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सुक्खू सरकार (Sukhu Government) से पहले जयराम सरकार (Jairam Government) ने भी जादूगरों (magicians) से कमाई (Earnings) का हिस्सा मांगा था. 2018 की एक नोटिफिकेशन सामने आई है. इस मामले में सरकार की किरकिरी के बाद आदेश वापस ले लिए गए हैं.
दरअसल, 2018 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में दो बार जादू के शो दिखाने के एवज में बच्चों से पैसे लेने के निर्देश जारी हुए थे. पहले आदेश वर्ष 2017 और फिर 2018 में जारी किए गए थे, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि जादू शो के एवज में बच्चों से दस रुपये से अधिक न लिए जाएं और साथ ही मैजिक शो के दौरान एकत्रित राशि का 50 फीसदी रेडक्रॉस सोसाइटी के खाते में जमा करवाया जाए.
उधऱ, स्कूलों में जादू शो दिखाने के एवज में मिलने वाले पैसों को सरकार के खाते में जमा करवाने वाले वायरल पत्र मामले पर शिक्षा विभाग हमीरपुर ने स्पष्टीकरण दिया है. शिक्षा उपनिदेशक प्रारम्भिक कमल किशोर ने बताया कि स्कूलों में जादू के शो पहले भी होते रहे हैं और पिछली सरकारों ने तो जादू के शो करवाने के लिए बाकायदा नोटिफिकेशन तक निकाली हुई थी. कमल किशोर के मुताबिक, जादू शो से मिलने वाले पैसों की 30 प्रतिशत कमाई को स्वयं जादूगर बलवीर की ओर से रेडक्रॉस को देने की मांग की गई थी.
स्कूलों में जादू शो का पत्र पहले उपायुक्त कार्यालय में जादूगर बलवीर की ओर से प्रार्थना की गई थी, फिर उसके बाद उस पत्र का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त कार्यालय से शिक्षा विभाग को जारी किया गया था. इसके बाद शिक्षा विभाग ने इसी पत्र के आधार पर सभी स्कूलों को 11 मार्च को एक पत्र जारी किया था. लेकिन यह पत्र इतना वायरल हो गया कि विधानसभा सत्र में जमकर हंगामा हुआ, जिससे शिक्षा मंत्री को भी पत्र के बारे में बयान जारी करना पड़ा. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा उपनिदेशक प्रारम्भिक को इस पत्र को वापस लेने के आदेश दिए, जिस पर प्रारम्भिक शिक्षा उपनिदेशक कमल किशोर ने 12 मार्च को इस पत्र की ओर से जारी आदेशों को वापस ले लिया.
उपनिदेशक प्रारम्भिक कमल किशोर ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय हमीरपुर से 25 फरवरी को पत्र जारी किया गया था, जिसमें मंडी जिले के धर्मपुर के कांढापतन के रखेगा गांव के जादूगर बलवीर सिंह (सम्राट बादल) ने प्रार्थना की थी कि वे स्कूलों में जादू शो करना चाहते हैं और इसकी 30 प्रतिशत कमाई को रेडक्रॉस को दी जाएगी. उन्होंने बताया कि बलवीर का जादू शो करने का उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना है, जो कि एक अच्छा उद्देश्य है. कमल किशोर ने बताया कि अपने स्तर पर ही इस पत्र को जिला के विभिन्न स्कूलों में भेजा गया है और इसके लिए न तो सरकार की ओर से और न ही शिक्षा निदेशालय शिमला से कोई आदेश आए हुए थे.
प्रारम्भिक शिक्षा उपनिदेशक कमल किशोर ने बताया कि इससे पहले भी स्कूलों में जादू के शो होते रहे हैं, जिसकी बाकायदा पिछली सरकारों द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी की गई है. उसी के आधार पर विभाग ने सभी स्कूलों को यह पत्र जारी किया था. उन्होंने कहा कि पत्र को वायरल करने के पीछे शिक्षा विभाग की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है.
क्या है पूरा विवाद
गौरतलब है कि हमीरपुर जिला शिक्षा विभाग ने 11 मार्च को जादूगर बलवीर सिंह को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वह हमीरपुर जिले के स्कूलों में मैजिक शो से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा सीएम रिलीफ फंड में जमा करवाएंगे. मंडी जिले के धर्मपुर के कांढापतन के पास रखेड़ा गांव के रहने वाले बलवीर सिंह को लिखे गए पत्र में शिक्षा विभाग ने कहा कि 25 फरवरी को डीसी की तरफ से एक पत्र उन्हें मिला था, उसी पत्र के अनुसार स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए मैजिक शो होंगे. इस मैजिक शो के जरिये समाज में फैले अंधविश्वास, जमाखोरी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाएगा. हालांकि शो की कुल आय का 30 प्रतिशत हिस्सा मुख्यमंत्री राहत कोष या आपदा प्रबंधन सहायतार्थ को देना होगा. शिक्षा विभाग का यह लेटर अब जमकर वायरल हो गया है.
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