खजुराहो: मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट (Khajuraho Lok Sabha seat) से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव (Samajwadi Party candidate Meera Yadav) का नामांकन फॉर्म रिटर्निंग ऑफिसर ने जांच के बाद खारिज कर दिया. कांग्रेस ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत ये सीट सपा के लिए छोड़ दी थी. पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार (Panna District Election Officer Suresh Kumar) ने मीरा यादव का नामांकन पत्र खारिज कर दिया है, क्योंकि उन्होंने ‘बी फॉर्म’ पर हस्ताक्षर नहीं किए थे और 2023 विधानसभा चुनाव (2023 assembly elections) मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति संलग्न करने में भी वह असफल रही थीं. बीजेपी ने खजुराहो से मौजूदा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मीरा यादव के पति दीप नारायण यादव ने कहा कि वे रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे. उन्होंने कहा कि जांच के बाद कल फॉर्म का सत्यापन किया गया. नियम है कि अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे ठीक कराना रिटर्निंग ऑफिसर का कर्तव्य है, भले ही उम्मीदवार अनपढ़ हो. उन्होंने ये भी कहा कि नामांकन फार्म कल तक तो ठीक था. लेकिन आज दो कमियां निकाल दीं. पहला, फॉर्म के साथ लगी मतदाता सूची प्रमाणित नहीं है या पुरानी है. दूसरी- दो जगह हस्ताक्षर कराना था, लेकिन केवल एक ही स्थान पर साइन किया गया है. उन्होंने ये भी दावा किया कि उन्हें 3 अप्रैल तक मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति नहीं मिली, और इसलिए जो प्रति उपलब्ध थी उसे संलग्न कर दिया.
इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि खजुराहो सीट से इंडिया ब्लॉक की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है. कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर ये देखने वाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों. ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा है. उन्होंने कहा कि जो कैमरे के सामने छल कर सकते हैं, वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे. अखिलेश ने कहा कि भाजपा बात में ही नहीं, काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी है. इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है.
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद अब बीजेपी की राह बेहद आसान हो गई है. इस सीट से समाजवादी पार्टी ने पहले मनोज यादव को टिकट दिया, लेकिन बाद में उसे बदलकर मीरा यादव को टिकट दिया था, लेकिन अब उनका नामांकन निरस्त होने से खजुराहो सीट पर चुनाव लड़ रहा INDIA गठबंधन अब चुनावी दौड़ से बाहर हो गया है. बता दें कि खजुराहो लोकसभा सीट से कुल 56 उम्मीदवारों ने नामांकन जमा किया था, लेकिन मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद मैदान में 55 प्रत्याशी बचे हैं. यहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण के तहत मतदान होना है.
मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने से इस सीट पर अब बीजेपी को जैसे वॉकओवर मिल गया है. बीजेपी ने यहां से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जिनकी जीत की राह अब आसान नजर आ रही है. 2019 लोकसभा चुनाव में भी वीडी शर्मा ने यहां से बड़ी जीत हासिल की थी. इस चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार ना उतारते हुए सपा के साथ गठबंधन कर सीट उसके लिए छोड़ दी थी और अब कांग्रेस या सपा से वहां कोई उम्मीदवार नहीं होने से वीडी शर्मा यहां से बड़ी जीत दर्ज कर सकते हैं.
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