मुंबई । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि भंडारा हादसे के जिम्मेदार को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। ठाकरे ने कहा कि इस घटना की जांच के लिये 6 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति में मुंबई फायर ब्रिगेड के अधिकारी को भी शामिल किया गया है। साथ ही इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सूबे के सभी अस्पतालों का फायर ऑडिट करवाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को भंडारा जिले में स्थित जिला अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद इस घटना में मृत 10 बच्चों के परिजनों से भी मुख्यमंत्री मिले और उनसे बातचीत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि वह मृतक बच्चों के परिवार वालों के सामने कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन इतना जरूर कहा कि अब ऐसी घटना राज्य में नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद सूबे के सभी अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाया जाएगा और अस्पतालों को इसका पालन करना अनिवार्य रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारा जिला अस्पताल में हुई घटना की बारीकी से जांच की जाएगी। इस घटना में अनायास किसी को फंसाया नहीं जाएगा लेकिन जिसने लापरवाही किया होगा,उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
भंडारा जिला अस्पताल के नवजात शिशु केयर युनिट में शनिवार को तड़के आग लगने से 10 बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। इस घटना में 07 बच्चों को बचा लिया गया था। इस की जांच के लिए नागपुर की विभागीय आयुक्त डॉ. साधना तायड़े की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति को 3 दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।
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