लखनऊ: स्वतंत्र देव सिंह का विधान परिषद में नेता सदन के पद से इस्तीफा देना और उनकी जगह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को जिम्मेदारी देना. इसके बाद यूपी बीजेपी संगठन के चाणक्य माने जाने वाले सुनील बंसल को राष्ट्रीय स्तर की सियासत में ले जाना बीजेपी और आरएसएस की सधी हुई रणनीति है. यूपी के ओबीसी वोटरों में केशव प्रसाद मौर्या बड़ा चेहरा है जिस तरह से अखिलेश यादव विधानसभा से लगाकर आए दिन केशव को लेकर हमलावर होते हैं. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व यह समझ चुका है कि केशव मौर्य यूपी में मुख्य विपक्ष का चेहरा अखिलेश यादव को चुनौती दे सकते हैं.
लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में बीजेपी नेतृव यह जानता है कि केशव यूपी में बीजेपी ओबीसी बिरादरियों में पैठ रखते हैं. संगठन के अंदर भी ओबीसी तबका, विपक्ष में ओबीसी की मूल सियासत से जन्मी सामाजवादी पार्टी के मुखिया भी केशव को ही चुनौती मानते हैं. खुद अखिलेश ने केशव का नाम लेकर बीजेपी संगठन और सरकार पर हमला बोला. ऐसे में केशव के बहाने बीजेपी और आरएसएस ने ओबीसी बिरादरी को मजबूती से अपने पाले में करने का संदेश दिया. धर्मपाल को यूपी लाने का यह है आरएसएस प्लान महामंत्री संगठन सुनील बंसल को यूपी से दिल्ली राष्ट्रीय राजनीति में भेज बीजेपी आलाकमान ने उनकी जगह ओबीसी चेहरा खास कर सैनी बिरादरी से आने वाले एबीवीपी और आरएसएस की पृष्ठभूमि के धर्मपाल सिंह को यूपी का महामंत्री संगठन बनाना यह दर्शाता है.
बीजेपी की ओबीसी वोट बैंक पर नजर
बीजेपी यूपी में बड़े वोट बैंक ओबीसी को पाले में करने की कोशिश करेगी. यूपी में सैनी बिरादरी का बड़ा वोट बैंक है. वहीं पश्चिम यूपी के बिजनौर के रहने वाले धर्मपाल की यूपी में जमीनी स्तर पर बेहतर पकड़ है क्योंकि धर्मपाल ने एबीवीपी में पश्चिम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री से लेकर यूपी में काफी काम किया है. वहीं दूसरी तरफ अब भारतीय जनता पार्टी यूपी में बहुत जल्द ब्राह्मण और दलित में किसी एक चेहरे को यूपी का भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने जा रही है. नए महामंत्री संगठन धर्मपाल एबीवीपी में सुनील बंसल के साथ काम कर चुके हैं.
सुनील बंसल को लेकर यह रणनीती
यूपी में बीजेपी को शहरी से गांव गली की पार्टी बनाने और कार्यकर्ताओं की बड़ी फ़ौज तैयार करने वाले सुनील बंसल भाजपा में राष्ट्रीय महामंत्री का पद पर पहुंचते ही अब उस टीम के सदस्य हो गए हैं, जो टीम राज्यों और देश में पार्टी की जीत की रणनीति बनाने के लिए मशहूर है. उस टीम में अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत गौतम, डी पुरंदेश्वरी, सी टी रवि, तरुण चुग, दिलीप सैकिया, विनोद तावड़े भी राष्ट्रीय महामंत्री पद पर हैं. इनका समन्वय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष से होगा, जो राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और आरएसएस के बीच कोर्डिनेशन करते हैं.
आरएसएस और बीजेपी की फ्यूचर प्लानिंग
बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय महामंत्री की टीम में सुनील बंसल की एंट्री आने वाले दिनों में आरएसएस और बीजेपी संगठन की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा है. तेलांगना बीजेपी और आरएसएस के एजेंडे में है. यही वजह है कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति पिछले दिनों तेलंगाना में आयोजित की गई थी. तेलंगाना ऐसा राज्य है जहां वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा ने सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और के चंद्रशेखर राव को घेरने तैयारी पहले ही कर रखी है. ऐसे में विधानसभा में मज़बूत प्रदर्शन कर बीजेपी लोकसभा चुनावों तक खुद को मज़बूत करनेकी योजना में जुटेगी.
यूपी बीजेपी को जल्द मिलेगा प्रदेश अध्यक्ष
यूपी बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष तिरंगा यात्रा 15 अगस्त को खत्म होते ही मिल जाएगा. शीर्ष स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष के नामों पर मंथन जारी है. हालांकि पार्टी का एक धड़ा ब्राह्मण और अति पिछड़ी बिरादरी के चेहरे को बनाने पर जोर दे रहा. वहीं इस बिंदु पर मंथन जारी है. लेकिन अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार लंबा नहीं खिंचना है. जल्द ही घोषणा हो जाएगी.
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