इन्दौर। गरीबों को छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का बैंकों ने कबाड़ा करना शुरू कर दिया है। मात्र 10 हजार के लोन के लिए बैंकों ने सख्त नियम लगाए हैं, जिससे गरीबों को परेशान होना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण काल से बेरोजगार हुए गरीब लोग अपना छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू कर सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपए के लोन वितरण करने की योजना शुरू हुई थी। शुरू में तो ऑफलाइन आवेदन लेकर योजना का लाभ दिया गया, मगर बाद में इसके आवेदन भी ऑनलाइन कर दिए गए। अब बैंकों ने इस योजना के तहत ऐसे सख्त नियम लागू कर दिए हैं कि गरीब आदमी को 10 हजार के लोन के लिए बैंक के अनेक चक्कर लगाना पड़ रहे है। नगर निगम के सहयोग से सबसे पहले 100 रुपए का पंजीयन शुल्क भरना पड़ता है, उसके बाद ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होता है। बाद में बैंक में प्रकरण पहुंचने पर बैंक में 500 रुपए का एग्रीमेंट भरना पड़ता है। इतना ही नहीं, कुछ बैंकें लोन की राशि स्वीकृत करने से पहले सिविल तक चैक कर रही हैं। आमतौर पर लाखों रुपए के लोन लेने पर सिविल देखा जाता है, मगर 10 हजार के लोन के लिए सिविल चैक करने के चलते आवेदन स्वीकार नहीं हो रहे हैं। इस संबंध में नगर निगम शहरी गरीबी उन्मूलन प्रकोष्ठ के उपायुक्त नरेंद्र शर्मा से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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