नई दिल्ली । पंजाब में सेना (Army in Punjab)के वरिष्ठ अधिकारी और उनके बेटे का साथ मारपीट (beating up son)का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस(Main opposition party Congress) ने इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है। कांग्रेस का कहना है कि जब सेना के उच्च अधिकारी सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी का क्या। साथ ही खबर है कि इस घटना को लेकर अब तक 12 पुलिसकर्मियों समेत कई अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके बलबीर सिंह सिद्धू की तरफ से एक सीसीटीवी फुटेज शेयर किया गया है। 1 मिनट 28 सेकंड के इस वीडियो में नजर आ रहा है कि कार के पास कुछ लोग एक शख्स को बुरी तरह से पीट रहे हैं। मामला बढ़ते ही मौके पर भीड़ जुट जाती है। सिद्धू ने लिखा, ‘पंजाब पुलिस का अपमानजनक बर्ताव। पटियाला पुलिस के अधिकारियों ने सेना के कर्नल के साथ बुरी तरह मारपीट की। सीसीटीवी सबूत होने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई।’
सियासत तेज
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘अगर सेना के उच्च अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी के दुख की कल्पना ही की जा सकती है।’ उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी देखा है कि पुलिस जांच सिर्फ उनके अपने लोगों को बचाने के लिए होती है। कुछ समय बाद ये मामले दबा दिए जाते हैं।’ उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
Disgraceful behavior by @PunjabPoliceInd!
A serving Army Colonel was brutally assaulted by Patiala Police officers, yet no proper action has been taken despite CCTV evidence. pic.twitter.com/UIsuXAgm5a— Balbir Singh Sidhu (@BalbirSinghMLA) March 17, 2025
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा, ‘मैंने बार-बार चेतावनी दी है कि श्री भगवंत मान राज्य को तानाशाही की तरह चला रहे हैं, जहां पुलिस की बर्बरता व्याप्त है और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों सहित कानून का पालन करने वाले नागरिक सुरक्षित नहीं हैं। यह चौंकाने वाली घटना मेरी चिंताओं की पुष्टि करती है।’
12 पुलिसवाले सस्पेंड
पंजाब पुलिस ने सैन्य अधिकारी के साथ मारपीट के मामले में 12 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह ने बताया कि निलंबित पुलिस कर्मी निरीक्षक, सहायक उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल रैंक के हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है और 45 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी।
क्या थी घटना
कथित हमला 13 और 14 मार्च की दरमियानी रात को हुआ, जब सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनका बेटा सरकारी राजिंदरा अस्पताल पटियाला के पास सड़क किनारे एक रेस्तरां में पहुंचे थे। कर्नल पुष्पिंदर बाथ की पत्नी जसविंदर बाथ ने कहा कि जब वे कार के बाहर खड़े होकर खाना खा रहे थे, तो कुछ पुलिस अधिकारी, जो सादी वर्दी में थे, वहां पहुंचे और कर्नल से कहा कि वे अपनी गाड़ी हटा लें, क्योंकि उन्हें अपनी गाड़ी पार्क करनी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना के अधिकारी के बेटे ने कहा, ‘उन लोगों ने हमें हमारी कार हटाने के लिए कहा और जब मेरे पिता ने उनके बात करने के तरीके पर आपत्ति जताई एक ऑफिसर ने उन्हें मुक्का मार दिया। जब मैं पहुंचा तो मुझपर भी हमला किया गया। उन लोगों ने हमें डंडों, रॉड और बेसबॉल बैट से मारा। मेरे पिता और मैं बेहोश हो गए और जब हम जागे तो भी वह हमें पीट रहे थे। हमारे साथ 45 मिनट तक मारपीट की गई।’
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