इंदौर/महू। आज डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में आंबेडकर जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जयंती अवसर पर आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) को भी पहुंचना था, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिपरिया पहुंचने के चलते सुबह 7 बजे उनका महू जाने का कार्यक्रम अचानक निरस्त कर दिया है। इसके बाद सुबह 9 बजे सबसे पहले क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर और धार-महू लोकसभा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर (Dhar-Mhow Lok Sabha candidate Savitri Thakur) ने जन्मस्थली स्मारक पर पहुंचकर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके पूर्व कांग्रेस की ओर से यहां नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी पहुंचे। उन्होंने बाबा साहब की प्रतिमा के आगे शीश झुकाकर उन्हें नमन किया और बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
भीम जन्मभूमि स्मारक पर सुबह से ही अनुयायियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां पर अनुयायियों ने बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ ही अस्थि कलश के दर्शन किए। आंबेडकर जयंती पर पहुंचने वाले अनुयायियों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। सुबह 8 बजे से लेकर रात तक के भोजन का वितरण अनवरत चल रहा है। प्रशासन ने गर्मी की तपन से बचने के लिए जगह-जगह प्याऊ की व्यवस्था की है। खाद्य विभाग के सहयोग से पूरी, लौंजी , राम भाजी, नुक्ति के साथ मूंग दाल की खिचड़ी का वितरण किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह पर पानी के प्याऊ लगाए गए हैं, वहीं आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने के लिए माहेश्वरी स्कूल व कैंट के दो स्कूलों में रहने की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को भोजन व्यवस्था के लिए टोकन वितरण किया जा रहा है। पूरे परिसर को टेंट लगाकर छायादार बनाया गया है। नगर निगम द्वारा समय-समय पर 600 से अधिक अस्थायी शौचालय की साफ सफाई की जा रही है।
आचार संहिता का दिखा असर, कम पहुंचे अनुयायी
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के चलते इस वर्ष आंबेडकर जयंती को राजनीतिक रंग नहीं दिया जा सका। यहां किसी प्रकार का कोई बड़ा राजनीतिक मंच नहीं सजाया गया, जिसकी वजह से स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के अलावा यहां बाहरी नेताओं का जमावड़ा नहीं दिखाई दिया, वहीं लगातार हर वर्ष गिर रही अनुयायियों की महू पहुंचने की संख्या में इस वर्ष और कटौती देखने को मिली। जयंती महोत्सव में हर वर्ष गुजरात, महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला, नासिक, धुले, पुणे एवं प्रदेश के उज्जैन, देवास आदि स्थानों से भी बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचते हैं। मगर इस वर्ष इनकी संख्या में भारी कटौती देखने को मिली।
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