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इंदौर के सारे ट्रेवल्स सालों से बिना लाइसेंस दौड़ा रहे बसें

August 14, 2024

वाह री पुलिस… छोटे-छोटे वाहन चालकों के 24 घंटे बनाते रहते हैं चालान… और शहर बिगाडऩे वाले सौदेबाजों को छूट….

इंदौर। विकाससिंह राठौर।
इंदौर शहर के ट्रैफिक (Traffic) को व्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन (Administration) द्वारा निजी ट्रेवल्स (Private Travels) को शहर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके लिए 6 ट्रेवल्स को सील (Seal) भी किया गया था। कार्रवाई के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ कि शहर में सालों से सैकड़ों बसों का संचालन करने वाली ट्रेवल्स कंपनियों (Travel Companies) के पास इस का काम लाइसेंस (license) ही नहीं है। इंदौर जिले में संचालित एक भी ट्रेवल्स के पास बसों के संचालन के लिए परिवहन विभाग द्वारा दिया जाने वाला लाइसेंस नहीं है।


इस बात का खुलासा परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में ट्रेवल्स कंपनी के रुप में यात्री बसों का संचालन करने के लिए संचालक को लाइसेंस लेना होता है। यह तीन साल के लिए वैध होता है। लेकिन वर्तमान में यह लाइसेंस किसी भी कंपनी के पास नहीं है। जिसेक कारण इन ट्रेवल्स कंपनियों के ऑफिस भी सील किए गए थे। विभाग ने सभी ट्रेवल्स संचालकों को आदेश दिए हैं कि वे तुरंत लाइसेंस के लिए आवेदन करें। बिना लाइसेंस ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट होने पर भी बसों और संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुल मिलाकर शहर में अब एक भी ऐसा ट्रेवल्स संचालक नहीं है, जिसके पास लाइसेंस हो।

ट्रैफिक सुनियोजित करने के लिए कड़े होंगे नियम
परिवहन विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि पिछली जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में ही शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए निजी ट्रेवल्स की बसों को शहर के बाहर करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इस समय विभाग की ओर से बताया गया था कि शहर के ट्रेवल्स संचालकों के पास परिवहन विभाग का लाइसेंस नहीं है। इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए थे कि लाइसेंस में नियमों को सख्त किया जाए। लाइसेंस देने से पहले ट्रैफिक पुलिस के साथ ही नगर निगम से भी एनओसी अनिवार्य की जाए, ताकी कहीं भी बसें गलत तरीके से पार्क होकर जाम की स्थिति पैदा ना करें। इसके लिए विस्तृत नियम आगामी बैठक में तय होना है।

एआईसीटीएसएल और एक अन्य कंपनी के पास था लाइसेंस, वो भी नहीं हुए रिन्यु
अधिकारियों ने बताया कि अब तक शहर से ऑल इंडिया परमिट पर बसों का संचालन करने के लिए सिर्फ दो ही कंपनियों के पास लाइसेंस थे। इनमें से एक अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) और एक तीन इमली चौराहे पर स्थित रॉयल ट्रेवल्स था। इनके लाइसेंस की वैधता अवधि भी करीब तीन माह पहले पूरी हो चुकी है। दोनों ही कंपनियों ने लाइसेंस रिन्युअल के लिए आवेदन किया है, लेकिन नई नीति के इंतजार में इन लाइसेंस को भी होल्ड किया गया है। हो सकता है नए और सख्त नियमों के बाद एआईसीटीएसएल को शहर से बसों के संचालन का लाइसेंस ना मिले और उसे भी बसों का संचालन बाहर शिफ्ट करना पड़े।

30 ट्रेवल्स, 500 से ज्यादा बसें
शहर में 30 से ज्यादा ट्रेवल्स हैं, जिनसे बसों का संचालन किया जाता है। यहां से करीब 500 बसें रोजाना 9 से ज्यादा राज्यों के लिए संचालित होती हैं। इनमें औसत 15 हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं। इन बसों के शहर से संचालन के कारण शहर का ट्रैफिक बाधित होता है। शहर के ट्रैफिक को सुगम बनाने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नए नियमों के साथ लाइसेंस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। जिसका मसौदा आगामी जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में तय होगा। लाइसेंस ना होने पर ट्रेवल्स के सील किया जाएगा।
– प्रदीप शर्मा, आरटीओ, इंदौर

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