नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) और आईआईटी-मद्रास (IIT-Madras) ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य (The Goal of Self-reliant India) को हासिल करने के लिए (To Achieve) मिलाया हाथ (Joins Hands) ।
वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए बुधवार को एक समझौता ज्ञापन पर दोनों ने हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन पर वायु सेना की ओर से मुख्यालय रखरखाव कमांड के इंजीनियरिंग ऑफिसर (सिस्टम) एयर कमोडोर एस बहुजा और आईआईटी मद्रास की ओर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एचएसएन मूर्ति ने हस्ताक्षर किए।
आईएएफ, आईआईटी-मद्रास के बीच संयुक्त साझेदारी का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आईएएफ के स्वदेशीकरण के प्रयासों में तेजी लाना है।
समझौता ज्ञापन के दायरे में, भारतीय वायुसेना ने प्रौद्योगिकी विकास और विभिन्न हथियार प्रणालियों के निर्वाह के लिए स्वदेशी समाधान खोजने से जुड़े प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की है।
आईईटी मद्रास के साथ हुए इस समझौते से भारतीय वायु सेना को आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए व्यावहारिक अध्ययन और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान में मदद मिलेगी।
भारतीय वायु सेना के साथ साझेदारी में आईईटी मद्रास वायु सेना की रखरखाव कमान के बेस रिपेयर डिपो की क्षमता बढ़ाने और ‘सेल्फ रिलायंस’ हासिल करने की दिशा में स्वदेशीकरण के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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