डेस्क: तेलंगाना के मुलुगु जिले में रविवार (01, दिसंबर, 2024) की सुबह सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में सात माओवादियों को मार गिराया. यह घटना एक सप्ताह पहले पुलिस मुखबिर होने के संदेह में दो आदिवासी व्यक्तियों की हत्या के बाद हुई. सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ सुबह करीब 5.30 बजे शुरू हुई. माओवादी विरोधी ग्रेहाउंड बलों ने चलपका जंगल में माओवादियों को देखा और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. पुलिस ने कहा कि माओवादियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया, बल्कि यूनिट पर गोलीबारी की, जिससे उन्हें भी जवाबी गोलीबारी करनी पड़ी.
मुठभेड़ के दौरान सात उग्रवादी मारे गये, जिनमें सबसे बड़ा नाम भद्रू उर्फ कुरसम मंगू उर्फ पपन्ना का है. 35 साल का शख्स सीपीआई (माओवादी) का येल्लांडु-नरसंपेट क्षेत्र समिति कमांडर और इसकी तेलंगाना राज्य समिति का सदस्य था. मुठभेड़ में मारे गए छह अन्य माओवादियों की पहचान 43 साल का एगोलापु मल्लैया, 22 साल का मुसाकी देवल, 23 साल का मुसाकी जमुना, 25 साल का जय सिंह, 22 साल का किशोर और 23 साल का कामेश के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, इन सभी का नेतृत्व भद्रू कर रहा था.
सुरक्षा बलों को माओवादियों के पास से एके-47, जी3 और इंसास राइफल के अलावा अन्य हथियार और विस्फोटक मिले हैं. पुलिस ने इन हथियारों को जब्त कर लिया है. रविवार की मुठभेड़ पिछले कुछ सालों में इस इलाके में पहली बड़ी मुठभेड़ है, क्योंकि माओवादी मुलुगु जिले में फिर से संगठित होने और अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. बताया जाता है कि 21 नवंबर को मुलुगु में माओवादियों ने पुलिस मुखबिर होने के संदेह में दो आदिवासी लोगों की हत्या कर दी थी.
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