मुंबई। एबॅट ने फ्रूट-फ्लेवर्ड गमी बियर्स से युक्त अपना नया प्रोडक्ट ड्यूफालेक बियर्स लॉन्च करने की घोषणा किया। कंपनी का दावा है कि यह बच्चों की पाचन शक्ति को बढ़ाता है और उनको ज्यादा सेहतमंद जिंदगी जीने में मदद करता है।
इसे भारतीय फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के मापदंडों के अनुकूल बताया जा रहा है। कंपनी के मुताबिक यह एक प्रमाणित प्री-बायोटिक के फायदे उपलब्ध कराता है और पाचन तंत्र में अच्छे जीवाणुओं के विकास को प्रोत्साहित करते हुए खराब जीवाणुओं की संख्या को कम करता है। यह बच्चों की आंतों के लिए हर तरह से फायदेमंद है। बच्चों की आंत में अच्छे जीवाणुओं के स्तर में विकास के साथ, ड्यूफालेक टीएम बियर्स में लैक्टुलोज भी होता है।
यह दूध से प्राप्त होने वाला एक प्री-बायोटिक है, जोकि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल हेल्थ को बढ़ावा देता है। बचपन में कब्ज की शिकायत 0.7 से लेकर 29.6 फीसदी बच्चों में होती है। यह सबसे ज्यादा तब होता है, जब बच्चे की उम्र दो से तीन साल के बीच होती है और उसको टॉयलेट जाना सिखाया जा रहा होता है। एक स्वस्थ पाचन तंत्र बच्चे के अच्छे पोषण के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे भोजन प्रभावी ढंग से छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हो जाता है और पोषक तत्वों का अच्छे से अवशोषण सुनिश्चित हो पाता है। इस प्रक्रिया से बच्चों के विकास में मदद मिलती है।
एबॅट इंडिया की मेडिकल डायरेक्टर डॉ.श्रीरूपा दास के अनुसार मनुष्य के शरीर का 70 फीसदी इम्यून सिस्टम आंतों की स्थिति पर ही निर्भर करता है। इसलिए एक स्वस्थ पाचन तंत्र बेहतर इम्युनिटी और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। स्वादिष्ट, चबाने योग्य, लैक्टुलोज आधारित यह उत्पाद बच्चों के मल को मुलायम कर बचपन में कब्ज के लक्षणों को कम करता है और मोशन को नियमित करता है। बचपन में कब्ज की शिकायत के कई कारण हो सकते हैं। इनमें सुबह के समय हड़बड़ी, जल्दी में टॉयलेट का रूटीन, ठीक से टॉयलेट करना न सिखाया जाना और खराब आहार शामिल हैं।
श्रीरूपा के अनुसार शोध बताता है कि केवल 30 फीसदी अभिभावक ही बच्चों को लेकर समय पर डॉक्टर से परामर्श करते हैं। डॉ. उदय अनंत पई के मुताबिक टॉयलेट जाना सिखाने वाली उम्र में हर तीन में से एक बच्चे को कब्ज की शिकायत होती है। इसके बावजूद बच्चों की आंत के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। माता-पिता बच्चों में हो रही कब्ज की परेशानी पर देर से ध्यान देते हैं। डॉक्टर के पास जाने से पहले एक-दो महीने तक घरेलू उपचार करते हैं। पाचन तंत्र लाखों-करोड़ों जीवाणुओं का घर होता है। हालांकि, सारे जीवाणु बुरे नहीं होते। इनमें से कुछ भोजन को पचने की प्रक्रिया में मदद देते हैं और स्वस्थ पाचन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण भाग होते हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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