इन्दौर। हर साल बड़े धूमधाम से हजारों कावड़ यात्रियों के साथ निकलने वाली बाणेश्वरी कावड़ यात्रा का स्वरूप इस बार छोटा कर दिया गया है। 7 दिन की ये यात्रा महज 30 घंटे में पूरी हो जाएगी और इसमें 1 कावडिय़ा 5 किलोमीटर कावड़ लेकर चलेगा। 11 जुलाई को चुनिंदा कावडि़ए केवल एक कावड़ लेकर महेश्वर से निकलेंगे।
यात्रा को लेकर आयोजकों द्वारा जिला प्रशासन ने अनुमति को लेकर चर्चा की जा रही है। यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला एवं प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार यात्रा का स्वरूप बहुत ही छोटा कर दिया गया है। मात्र 21 कावडि़ए मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर निकलेंगे और उज्जैन में जाकर जल चढ़ाएंगे। सभी कावडि़ए बस में बैठे रहेंगे और एक समय दो कावडि़ए कावड़ लेकर सड़क पर चलेंगे तथा 5 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। फिर वे बस में बैठ जाएंगे और कावड़ दूसरे कावडि़ए को दे देंगे। 180 किलोमीटर की यह कावड़ यात्रा मात्र 30 घंटे में पूरी किए जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसे डाक कावड़ भी कहा जाता है। कावड़ यात्रा में 5 हजार से अधिक कावडि़ए भाग लेते हैं। इस बार सभी कावडिय़ों से कहा गया है कि वे घर पर ही रहकर ऊं नम: शिवाय का जाप करें। वहीं श्रद्धालुओं से भी कहा गया कि रास्ते में कावड़ यात्रा का स्वागत न करें।
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