इंदौर, प्रदीप मिश्रा। शहर के नन्दानगर (City of Nandanagar) में राज्य कर्मचारी बीमा निगम सम्बन्धित (Related to State Employees Insurance Corporation) मरीजों के लिए पुराने बीमा अस्पताल के परिसर में केंद्र सरकार (central government) के माध्यम से 500 बेड का अत्याधुनिक थ्री स्टार अस्पताल बनाया जा रहा है। विगत 50 सालों से इंदौर, पीथमपुर सहित जिले के बीमा निगम सम्बन्धित मरीजों का इलाज जिस पुराने अस्पताल में हो रहा है, उसे 2023 तक बन्द कर दिया जाएगा। यह नया अस्पताल शहर में बन चुके सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल (Superspecialty Hospital) की तरह मॉडर्न बनाया जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर, हाईटेक पैथलॉजी लैब सहित अन्य सभी सुविधाएं मौजूद होंगी।
केंद्र सरकार ने थ्री स्टार रैंकिंग (three star ranking) के मानक मापदंडों के अनुसार इसे बनाने की जिम्मेदारी केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपी है। इस अस्पताल में एम्स हॉस्पिटल की तरह मॉडर्न सुपरस्पेशलिटी जैसा थ्री स्टार रैंकिंग वेल्युशन वाला हॉस्पिटल बनाने के लिए सरकार 375 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। यहां 500 मरीजों को एक साथ भर्ती करके इलाज किया जा सकेगा।
मरीजों के परिजन ठहर सकेंगे
लगभग 6 लाख वर्गफीट जगह में बनने वाले 6 मंजिल वाले इस नए अस्पताल में मरीजों के परिजन को ठहरने के लिए मेडिकल बेडस (medical beds) की संख्या के हिसाब से रूम बनाए जाएंगे, जहां भर्ती मरीजों के परिजन ठहर सकेंगे। इसके साथ ही परिजनों को दोनों समय का भोजन दिया जाएगा। भोजन बनाने के लिए अत्याधुनिक किचन (state-of-the-art kitchen) बनाया जा रहा है।
एमआरआई-सीटी स्कैन सुविधा
इस थ्री स्टार रैंकिंग वाले न्यू मॉडर्न हॉस्पिटल में मरीजों की एमआरआई (MRI), सीटी स्कैन (CT scan) जैसी अन्य महंगी जांचें भी यहीं हो सकेंगी। अभी तक राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल यह जांचें अनुबंधित निजी अस्पतालों में करवाता आ रहा है, जिसके लिए सालभर में लाखों रुपए का भुगतान निजी अस्पतालों को करना पड़ता था।
हाईटेक बनेगा पर हार्ट, किडनी, लीवर वालों का इलाज नहीं
375 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद थ्री स्टार रैंकिंग हॉस्पिटल में हाटर्, किडनी, लीवर (heart, kidney, liver) जैसी गम्भीर बीमारियों वाले मरीजों का इलाज यहां नहीं हो सकेगा। उन्हें यहां भर्ती करने के बाद अनुबंधित निजी अस्पतालों को भेजा जाएगा। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इन गम्भीर बीमारियों का इलाज या ऑपरेशन करने वाले विशेषज्ञ डाक्टर प्रदेश व देश के सरकारी अस्पतालों में नौकरी करने से कतराते हंै। इसी समस्या के चलते हमें गम्भीर बीमारी से पीडि़त मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों में रैफर करना पड़ता है।
60 साल पुराना हो चुका है भवन
नन्दनगर में 300 मेडिकल बेडस वाले पुराने बीमा अस्पताल की बिल्डिंग (building) लगभग 60 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी है। भवन की सक्षमता (capacity of the building) की जांच के लिए आईआईटी कॉलेज (IIT College) के इंजीनियरो को अनुबंधित किया गया था, जिन्होंने बताया कि न तो इसका रिनोवेशन किया जा सकता है, न इसके ऊपर कोई नया कंस्ट्रक्शन किया जा सकता है। इस रिपोर्ट के बाद नया हॉस्पिटल बनाने की योजना बनाई गई।
इस थ्री रैंकिंग स्टार हास्पिटल का निर्माण बड़ी तेजी से किया जा रहा है। इसे बनाने के लिए इंजीनियर, सबइंजीनियर, सुपरवाइजर, मिस्त्री, मजदूरों सहित 400 लोगों की टीम काम कर रही है। सारे मजदूरों को दोनों टाइम का भोजन भी यहीं किचन में बनाया जाता है। साल 2023 के अक्टूबर माह तक नया हॉस्पिटल बनकर तैयार हो जाएगा । केजी सुरेश, रीजनल ऑफिसर राज्य कर्मचारी बीमा निगम इंदौर
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