इन्दौर (Indore)। इंदौर संभाग की सबसे बड़ी केंद्रीय जेल में इस वर्ष भी दुर्गा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा इसको लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है। एक ओर पंडाल आदि बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हत्या के जुर्म में सजा काट रही महिलाएं गरबा सीख रही हैं, ताकि आयोजन के दौरान अपनी प्रस्तुति दे सके। सेंट्रल जेल की अधीक्षका अलका सोनकर के मुताबिक जेल के दो वार्डों में सौ महिलाएं बंद हैं, जो हत्या और अन्य मामलों में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही हंै। उनमें से 30 ऐसी महिलाएं हैं, जो हर साल गरबे के भव्य आयोजन में शामिल होती रही हैं।
धीरे-धीरे गरबा करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ जाती है। रोजाना सुबह, शाम कैदी महिलाएं रिहर्सल कर रही हैं। जेल अधीक्षका ने बताया कि गरबे के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कैदियों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें डांडिया रास का आयोजन भी शामिल रहेगा। बताया जा रहा है कि 3 साल से लगातार गरबों का आयोजन किया जा रहा है। गरबा सीख रही कैदी महिलाओं ने संकल्प लिया है कि जेल से रिहा होने के बाद समाज में अच्छी पहचान बनाना चाहती हैं।
गली-मोहल्लों में शुरू हुई
गरबों की प्रैक्टिसइंदौर। इंदौर के बड़े पांडालों सहित अब गली-मोहल्ले में होने वाले गरबों की प्रैक्टिस युवतियों ने शुरू कर दी है। हर साल इंदौर में सैकड़़ों गली-मोहल्लों में नौ दिन देवी की आराधना गरबों से की जाती है, जिसकी तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। अब युवतियां और बच्चियां दिन में दो से तीन बैच में गरबे के अलग-अलग स्टेप सीख रही हैं और कपड़ों-गहनों की तैयारियों में भी जुटी है। नौ दुर्गा में शहर में मां की भक्ति का नजारा देखने को मिलेगा। कई पांडालों में धूमधाम से पूरे विधि-विधान से मां की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी।
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