इंदौर। उज्जैन मेले का वाहनों की बंपर बिक्री के बाद समापन हो गया है। समापन के बाद बिक्री के आंकड़ों ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 43 दिनों तक उज्जैन में चले मेले में 36 हजार से ज्यादा वाहनों की बिक्री हुई है। इसने ग्वालियर मेले का रिकार्ड भी तोड़ दिया। ग्वालियर मेले की अपेक्षा उज्जैन में इस साल 22.5 प्रतिशत ज्यादा वाहन बिके हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल से उज्जैन में ग्वालियर की तर्ज पर वाहन मेले की शुरुआत की गई है। इसमें वाहनों पर लगने वाले रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है।
इस साल यह मेला 24 फरवरी से 9 अप्रैल तक चला। इस मेले में सबसे ज्यादा इंदौर के ही वाहन डीलर्स ने स्टॉल्स लगाए थे और यहां वाहन लेने आने वालों को भी ऑफर दे रहे थे कि वे टैक्स में फायदा लेने के लिए उज्जैन मेले से वाहन खरीदें। शर्त बस यह थी कि वाहन का रजिस्ट्रेशन उज्जैन में करवाना होगा। इस छूट का फायदा लेने के लिए इंदौर-उज्जैन के साथ ही पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे। परिवहन विभाग के मुताबिक वाहन मेले में कुल 36,313 वाहनों की बिक्री हुई है, जिसमें 28,451 कारें और 7,772 दो पहिया शामिल है। जबकि ग्वालियर में 15 जनवरी से 25 फरवरी तक चले 40 दिवसीय व्यापार मेले में कुल 29,650 वाहनों की बिक्री हुई थी। इस तरह उज्जैन में ग्वालियर की अपेक्षा 6,663 वाहन ज्यादा बिके हैं।
लोगों को 186 करोड़ का फायदा, सरकार को इतना ही नुकसान
अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन मेले में बिके 36 हजार से ज्यादा वाहनों से शासन को 186 करोड़ की आय हुई है। अगर मेले की 50 प्रतिशत की छूट नहीं होती तो यह आय दुगनी यानी 372 करोड़ होती। इस तरह मेले से सरकार को 186 करोड़ का नुकसान हुआ और यह सीधे तौर पर लाभ के रुप में वाहन खरीदने वालों को मिला। मेले में 1 करोड़ से ज्यादा कीमत की 14 कारें भी बिकी।
अब व्यापार हुआ ठंडा
वाहन डीलर्स की माने फरवसी अंत में शुरू होने वाले वाहन मेले के कारण लोगों ने जनवरी से ही वाहन लेना होल्ड कर दिया था। वहीं मेले का लाभ उठाने के लिए जो लोग अप्रैल से जून के बीच वाहन लेने की योजना बना रहे थे, उन्होंने भी लाभ के लिए मेले में वाहन खरीद लिए हैं। इसके कारण अब वाहनों की बिक्री में एकदम गिरावट आई है, जो आगे भी कुछ माह जारी रहेगी।
90 प्रतिशत कारें और 40 प्रतिशत दो पहिया की बिक्री गिरी
उज्जैन मेले के कारण इंदौर में वाहनों की बिक्री में भारी कमी देखने को मिली है। कारों की बिक्री में 90 प्रतिशत से ज्यादा और दो पहिया की बिक्री में करीब 40 प्रतिशत तक की कमी आई है। जो लोग अप्रैल से जून के बीच वाहन लेने वाले थे, उन्होंने ने भी टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए मेले में वाहन खरीदे हैं, इसलिए बिक्री में कमी जून तक देखने को मिलेगी। जुलाई से वाहनों की बिक्री में एक बार फिर बढ़त देखने को मिलेगी।
– प्रदीप शर्मा, आरटीओ, इंदौर
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