नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने के मामले में मलेशिया के 122 नागरिकों को मंगलवार को जमानत दे दी। इन लोगों पर वीजा शर्तों का उल्लंघन करने के अलावा अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने और देश में कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी किये गये सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर विदेशियों को जमानत दी। इन लोगों ने याचिका के शीघ्र निपटारे के लिए आठ जुलाई के लिए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक के समक्ष सूचीबद्ध होने वाली याचिका के लिए भी आवेदन दायर किए। सुनवाई के दौरान ये सभी विदेशी नागरिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुए। उनकी पहचान मलेशियाई उच्चायोग के संबंधित अधिकारी के साथ-साथ जांच अधिकारी ने की थी।
आपको बता दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज पर हज़ारों की संख्या में 13 अप्रैल से लोग बैठे थे। सरकार के जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन के बावजूद मरकज पर 2000 के करीब लोगों ने डेरा जमाया हुआ था। जो वहां से निकल देश के अन्य-अन्य जिलों में जा छिपे। मरकज में बैठे तब्लीगियों में कोरोना वायरस के कई पॉजिटिव मामले सामने आये है, जिसके बाद कोरोना को फैलने से रोकने की कोशिश में सरकार तब्लीगियों से सामने आकर अपनी जांच कराने की बात कह चुकी है, लेकिन तब्लीगी सामने नहीं सामने आ रहे थे।
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