वाराणसी में कोरोना के बढ़ते कहर को देख प्रदेश के पर्यटन संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी भी गंभीर है। रविवार को राज्यमंत्री ने बताया कि जिले के विभिन्न ट्रस्टों के द्वारा संचालित लगभग एक दर्जन से अधिक बंद पड़े अस्पतालों को नान कोविड अस्पताल रूप में संचालित किया जायेगा। ट्रस्टों के द्वारा संचालित इन अस्पतालों के शुरू हो जाने से निश्चित रूप से संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
राज्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुझाव दिया था कि इन अस्पतालों को आर्थिक मदद मुहैया कराकर नान कोविड अस्पताल के रूप में शीघ्र शुरू कराया जाय। जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति भी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्रस्ताव भी उपलब्ध कराया जाय।
राज्यमंत्री के अनुसार जिले में विभिन्न ट्रस्टों के द्वारा संचालित लगभग एक दर्जन से अधिक अस्पताल बंद पड़े है। शहर में मारवाड़ी, सेवा सदन, बिड़ला, आनंदमयी, मेहता एवं रामकृष्ण मिशन सहित लगभग एक दर्जन से अधिक चिकित्सालय विभिन्न ट्रस्टों द्वारा संचालित हो रहे हैं। वर्तमान में रामकृष्ण मिशन एवं आनंदमयी चिकित्सालय के अलावा विभिन्न ट्रस्टों द्वारा संचालित अन्य चिकित्सालय बंद पड़े है। इन चिकित्सालय के पास चिकित्सकीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि यदि इन चिकित्सालय को नान कोविड के रूप में शुरू करा दिया जाए तो अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों को चिकित्सकीय लाभ प्राप्त करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी और वर्तमान दौर में यह व्यवस्था मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से फोन पर इन अस्पतालों की सूची तैयार कर इन्हें तत्काल संचालित किए जाने के संबंध में इनके ट्रस्टियों एवं प्रबंधकों से वार्ता करने को कहा है। डॉ. तिवारी ने बताया कि वे स्वयं भी शीघ्र ही इन अस्पतालों के ट्रस्टियों एवं प्रबंधकों के साथ अस्पतालों का संचालन शुरू करने के संबंध में बैठक करेंगे।
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