नई दिल्ली: रूस ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों के बारे में भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए. हालांकि, उसने कहा कि मास्को इस्लामाबाद के साथ संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य है. रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध ‘स्वतंत्र’ प्रकृति के हैं और उनकी सरकार अन्य देशों की संवेदनशीलता के सम्मान को लेकर भी सचेत है.
मीडिया ब्रीफिंग में जब बाबुश्किन से पाकिस्तान के साथ रूस के सैन्य अभ्यासों और व्यापार सहयोग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि भारत को चिंतित होने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक संवेदनशीलताओं के सम्मान की बात है, तो रूस बहुत सतर्क है. लेकिन साथ ही हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंध को स्वतंत्र प्रकृति का देखते हैं और हमारा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक एजेंडा भी है. हम एससीओ की रूपरेखा में पाकिस्तान के साझेदार देश होने के नज़रिये से इस संबंध को और विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
बाबुश्किन ने कहा कि रूस की विदेश नीति का मूलभूत सिद्धांत ऐसे द्विपक्षीय संबंध रखना है जिनका उद्देश्य किसी अन्य देश के विरुद्ध नहीं होना है. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. उन्होंने कहा, ‘जब पाकिस्तान और अन्य कई देशों समेत दुनिया के सभी देशों के साथ सहयोग की बात आती है तो हम इस बहुत महत्वपूर्ण सिद्धांत का पालन कर रहे हैं.’
रूसी राजनयिक ने भारत और रूस के बीच बढ़ते रक्षा और सुरक्षा संबंधों का भी उल्लेख किया और दोनों देशों के बीच व्यापक सैन्य अभ्यासों तथा क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देने वाले सहयोग का भी जिक्र किया. बाबुश्किन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास आतंकवाद निरोधक रूपरेखा का हिस्सा हैं और इस तरह की साझेदारी एससीओ के सभी सदस्य देशों के लिए स्वाभाविक है.
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