नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच आज भारत और चीन के सैनिकों के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है। बैठक में भारत का फोकस है कि फिंगर एरिया से चीन की सेना पूरी तरह से पीछे हट जाए। मोल्डो वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष की ओर है। भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की ये पांचवें दौर की बातचीत है।
हाल ही में भारत की तरफ से कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, हालांकि इसमें कुछ प्रगति हुई है। उल्लेखनीय है कि उससे पहले चीन ने दावा किया था कि अग्रिम मोर्चे से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की कवायद सीमा पर अधिकांश स्थानों पर पूरी हो गई है। चीन ने यह भी कहा था कि जमीन पर स्थिति सामान्य हो रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, ‘दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर निकट भविष्य में बैठक करेंगे ताकि पीछे हटने की प्रक्रिया पूरा करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जा सके। हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने, तनाव कम करने तथा सीमावर्ती क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए गंभीरता से काम करेगी जिस पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी।’
गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे। इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन को भी काफी नुकसान हुआ था। 5 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए चर्चा की थी । दोनों पक्षों ने इस वार्ता के बाद छह जुलाई के बाद पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी ।
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