नई दिल्ली। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को मिजोरम विधानसभा (Mizoram Assembly) की 40 में से 27 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत (clear majority) मिला। इसके अलावा मिजो नेशनल फ्रंट (Mizo National Front) को 10, भाजपा को भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली। भाजपा ने पलक और सैहा सीट अपने नाम की, जबकि कांग्रेस ने लांग्तलाई वेस्ट सीट (Langtlai West Seat) पर जीत हासिल की। जीत दर्ज करने वाले जेडपीएम के प्रमुख नेताओं में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा शामिल हैं। उन्होंने सेरछिप सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,982 वोटों से हराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस बड़ी जीत के लिए बधाई भी दी। इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा (Mizoram Chief Minister Zoramthanga) ने सोमवार शाम को राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति (Governor Hari Babu Kambhampati) से मुलाकात की। उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट की हार के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मुख्यमंत्री जोरमथंगा आइजोल ईस्ट-प्रथम सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार लालथनसांगा से 2,101 मतों से हार गए। चुनाव में जिन दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा, उनमें उप मुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार तावंलुइया शामिल हैं। उन्हें तुइचांग में जेडपीएम उम्मीदवार ने हराया। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार आर लालथंगलियाना दक्षिण तुईपुई में जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ से हार गए। ग्रामीण विकास मंत्री लालरुआत्किमा को आइजोल वेस्ट-द्वितीय सीट पर जेडपीएम के उम्मीदवार लालनघिंगलोवा हमार से हार झेलनी पड़ी।
मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था। इस दौरान 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 फीसदी से ज्यादा ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। चुनाव में 18 महिलाओं सहित कुल 174 उम्मीदवार मैदान में थे। एमएनएफ, जेडपीएम और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसके अलावा 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।
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