भोपाल। केरल (Keral) में कोरोना (Corona) के साथ जीका वायरस का प्रकोप नई मुश्किलें पैदा करने लगा है। राज्य में इस वायरस (Virus) के 13 मरीजों की पुष्टि के बाद केन्द्रीय चिकित्सा दल (Central Medical Team) केरल रवाना हो गया है। वहीं मप्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार ने सतर्कता बढ़ाते हुए सर्वेलांस टीम (Surveillance Team) बनाई। कोरोना (Corona) की संभावित तीसरी लहर
(Third Wave) को लेकर सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। अनलॉक (Unlock) के बाद बाजार खुलने से लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग (Social Distancing) का पालन करने को लेकर बेपरवाह हो गए है। इसको लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने लोगों से कोविड प्रोटोकाल (Covid Protocol) का पालन करने की अपील की है। चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं प्रदेश वासियों से अपील करना चाहता हूं कि सावधान रहें। यह सही है कि मप्र में पॉजिटिव प्रकरण
(Positive Case) कम आ रहे हैं। शनिवार को 27 आए है। एक्टिव केस भी 392 बचे हैं। लेकिन जीका वायरस, डेल्टा प्लस वेरिएंट (Zika Virus, Delta Plus Variant) यह सब इतने खतरनाक है। एक बार यह फिर से फैलना शुरू हो गए तो बाद में बहुत कठिनाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हरसंभव उपाय कर रही है। मैं रोज समीक्षा कर रहा हूं। टेस्ट भी हो रहे हैं। नए केस आने पर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग (Contract Tracing) भी हो रही है। संक्रमितों को आइसोलेट (Isolate) भी किया जा रहा है। सरकार की तरफ से तीसरी लहर (Third Wave) की तैयारी के लिए उपाय किए जा रहे हैं। यह बहरूपिया वायरस रूप बदलता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए जनता मास्क लगाएं दूरी का पालन करें और संक्रमण (Infection) को रोकने के लिए अनुकूल व्यवहार करें। सीएम ने कहा कि हमारी क्राइसिस कमेटी अभी एक्टिव है। मेरा संवाद लगातार जारी है। जनता सहयोग करें हम मिलकर निपटेंगें।
3814 पीडियाट्रिक बेड बढ़ाएंगे
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए 3814 पलंग बढ़ाए जाएंगे। यह सभी बेड ऑक्सीजन सपोर्टिड होंगे। इससे राज्य के अस्पतालों में कोविड संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए उपलब्ध पलंगों की संख्या 14013 से बढ़कर 17 हजार 827 हो जाएगी।
संदिग्ध मामलों की जांच करने के निर्देश
केरल में जीका वायरस की दस्तक के बाद मध्य प्रदेश में भी अलर्ट जारी हो गया। स्वास्थ्य संचालनालय में उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवार ने सभी जिलों को पत्र लिखकर जीका के खतरे से आगाह किया है। पत्र में कहा गया है जीका का संदिग्ध मरीज मिलने पर जांच कराने में देरी नहीं करें। साथ ही ऐसे मरीजों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दें। केरल से आने वाले लोगों को लक्षण
दिखते हैं। तो विशेष निगरानी करने को कहा गया है। साथ ही सभी सीएमएचओ को जिम्मेदारी दी गई कि वह जिले के सभी निजी अस्पतालों को भी जीका को लेकर सतर्क करें।
1407 वेंटिलेटर पीडियाट्रिक में बदलेंगे
एम्स और आईआईटी कानपुर का अनुमान है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त अंत तक आ सकती है। इसका ज्यादा असर बच्चों पर पडऩे की संभावना है। इसी से निपटने के लिए प्रदेश में इंतजाम जुटाने शुरू हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 1372 नए ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाने शुरू हो गए हैं। यदि बच्चे गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं तो उनके लिए 1568 वेंटिलेटर रिजर्व रहेंगे। वयस्क मरीजों के 2112 वेंटिलेटर्स में से 1407 को पीडियाट्रिक वेंटिलेटर में बदला जाएगा। यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय की तीसरी लहर की तैयारियों और कोविड अनुकूल व्यवहार का महत्व रिपोर्ट से मिली है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जा चुकी है। इसके मुताबिक 30 जिला अस्पतालों में सितंबर तक कोविड संक्रमित बच्चों के लिए 30 नए पीडियाट्रिक आईसीयू खोले जाएंगे। इनमें 200 बेड होंगे। जबकि 20 जिलों के 320 ऐसे बेड पहले से रिजर्व रहेंगे।
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