डेस्क: शेख हसीना के मुद्दे पर भारत के साथ तनाव बढ़ाने वाले बांग्लादेश के सुर बदल गए हैं. अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा है कि कोई भी मुद्दा ढाका-दिल्ली संबंधों में बाधा नहीं बनेगा. अंतरिम सरकार का कहना है कि नए साल यानी 2025 में उनकी प्राथमिकता तीन शक्तियों- भारत, चीन और अमेरिका के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना और रोहिंग्या मुद्दे का समाधान करना है.
विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘रोहिंग्या संकट का समाधान करना, तीन महत्वपूर्ण देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना और आर्थिक-कूटनीतिक मोर्चों पर अधिक स्थिर स्थिति बनाना प्राथमिकताएं हैं.’ यह पूछे जाने पर कि अगर भारत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने से इनकार करता है तो ढाका-दिल्ली संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? इस पर विदेश सलाहकार ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दे हैं और यह उनमें से एक है.
तौहीद हुसैन ने कहा कि, ‘हमारे बीच आपसी हितों के कई मुद्दे हैं. हम उन पर एक साथ काम करेंगे. 23 दिसंबर को ढाका ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए दिल्ली को एक डिप्लोमैटिक संदेश भेजा था. अंतरिम सरकार को इस मसले पर अभी तक भारतीय पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला है.
तौहीद हुसैन ने कहा कि भारत, चीन और अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना बांग्लादेश की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसी मुल्क के साथ-साथ अमेरिका और चीन के साथ भी अच्छे संबंध चाहते हैं. उन्होंने इन तीनों देशों के साथ बांग्लादेश के आपसी हितों का भी जिक्र किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि साल के अंत तक इन देशों के साथ संबंध बेहतर और मजबूत होंगे.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश सलाहकार का कहना है कि देश बेहतर दिनों की उम्मीद कर सकता है क्योंकि हाल ही में हुई उथल-पुथल के बाद बांग्लादेश में कुछ हद तक स्थिरता लौट आई है. उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक और विदेशी संबंधों के मामले में चीजें आसान हो जाएंगी.
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