नई दिल्ली । सर्वदलीय बैठक में (In All-party Meeting) वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) ने आंध्र प्रदेश में (In Andhra Pradesh) राष्ट्रपति शासन लगाने की (Imposition of President’s Rule) मांग की (Demanded) । सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की । संसद के बजट सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एनडीए में शामिल सरकार की सहयोगी जेडीयू से संजय झा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।
जेडीयू ने कहा कि अगर विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई दिक्कत है तो फिर बिहार को विशेष पैकेज दिया जाए। विपक्षी पार्टी राजद ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के साथ ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी मांग की। बीजू जनता दल ने सर्वदलीय बैठक में ओडिशा को भी विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया।
जेडीयू ने बिहार में लगातार आने वाली बाढ़ के मुद्दे को उठाते हुए भारत सरकार से इस पर कदम उठाने और पड़ोसी देश नेपाल से भी बात करने की मांग की। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में डिप्टी स्पीकर बनाने और यह पद विपक्ष को देने की मांग की। कांग्रेस ने इसके साथ ही नीट मामले पर भी सदन में चर्चा की मांग की।
कांग्रेस से गौरव गोगोई, आप से संजय सिंह, सपा से रामगोपाल यादव, एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी और लेफ्ट दलों सहित अन्य कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कावंड़ यात्रा के दौरान ‘नेम प्लेट’ लगाने के योगी सरकार के फैसले को बैठक में उठाया। बीजद ने ओडिशा और वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी सर्वदलीय बैठक में उठाया। सर्वदलीय बैठक से बाहर आने के बाद एनसीपी (अजित पवार) गुट के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से ‘नेम प्लेट’ को लेकर किए गए फैसले को वापस लेने की मांग की।
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की । इसमें सरकार की तरफ से राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान सहित कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे । कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टी.आर. बालू, आप से संजय सिंह और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों से भी कई नेता बैठक में मौजूद हैं। तृणमूल कांग्रेस से कोई भी नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुआ है।
सरकार का मकसद सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों को सत्र के सरकार के एजेंडे और विधेयकों के बारे में जानकारी देना है। बैठक में विपक्षी दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने देने का भी अनुरोध किया जाएगा। विपक्षी दल भी अपने-अपने एजेंडे सामने रखेंगे जिन पर वे सदन में चर्चा चाहते हैं।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, मानसून सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की 16-16 बैठकें होंगी। पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
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