नागदा/उज्जैन। जिले के औद्योगिक नगर नागदा (industrial town nagda) में लॉकडाउन (lockdown) के दौरान बेरोजगारी से तंग एक युवक ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपने फूफा के 3.50 रूपए की लूट की फजी कहानी की अंजाम दिया। सोमवार को पुलिस ने इस फर्जी कहानी का खुलासा किया। पुलिस ने फर्जी लूट को अंजाम देने वाले तीनों युवक सोहेब पुत्र अय्यूब खान उम्र 22 वर्ष निवासी चंबल सागर कॉलोनी नागदा, सावेज उर्फ आयेश मंसूरी पुत्र सादीक मंसूरी 23 वर्ष कसाई मोहल्ला नागदा एवं शहीद पुत्र अनवर अगयान उम्र 21 वर्ष राजीव कॉलोनी नागदा को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित सोहेब इस घटना में फरियादी बना था। लूट की राशि भी जप्त कर ली गई है।
सोमवार को सीएसपी मनोज रन्ताकर एवं थाना प्रभारी श्यामसुंदर शर्मा ने मीडिया को पूरी कहानी साझा की। आरोपित ने इस प्रकार की कहानी बनाने के पीछे लॉकडाउन से बेरोजगारी होना बताया। तथा अपने फॅूफा की राशि को हड़पने की झठी कहानी बनाई।
यह थी घटना की रिपोर्ट
पुलिस के अनुसार इस प्रकरण में सोहेब पुत्र अय्युब खान उम्र 22 वर्ष निवासी नागदा चबंल सागर कॉलोनी नागदा जिला उज्जैन स्वयं फरियादी था। जिसने घटनाक्रम के बारे में बताया थाकि गत 31 मई को वह अपने दो दोस्त सावेज एवं शहीद के साथ स्वयं की मोटरसाईकिल क्रमांक एमपी 13-3837 के द्धारा महिदपुर से नागदा आ रहे थे। उसके पास 3.50 लाख से भरा एक बैग था। यह राशि उसके फूफा भूरू खान निवासी रतलाम की थी जो कि भंगार के व्यवसास की थी। जिसको लेकर वह महिदपुर जिला उज्जैन के व्यवसायी करीम भाई के आफिस से लेकर नागदा आ रहे थे। राशि को एक काले रंग के बैग में लेकर आए थे। नागदा से लगभग 10 किमी भड़ला फंटा एवं रानीपुरा फंटा के बीच मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवकों ने आकर इन्हें रोका। इन युवकों के मुहं पर रूमाल बंधे हुए थे। इन लोगों ने नोट से भरे बैग को छुडानें का प्रयास तो किए साथ में चाकू से हमला भी किया। जिससे तीनों युवको को चोट आई। बाद में ये युवक बैग छुड़ाकर मोटर साईकिल पर सवार होकर महिदुपर की तरफ भाग गए।
नाटकीय रूपांतरण से मिली सफलता
पुलिस के अनुसार उज्जैन जिला पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल एवं अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया के निर्देशन में घटना से जुड़े हर तथ्यों को परखा गया। स्थल पर जा कर इस वारदाता का नाटकीय रूपातंरण किया गया। तीनों युवकों को भी घटना स्थल पर ले जाया गया। तब पुलिस को संदेह हुआ कि पूरा घटनाक्रम फर्जी है। बाद में आरोपितों ने फजी कहानी को कबूल किया। पुलिस के अनुसार तीनों युवकों उस दिन नोट से भरे बैंग को घटनास्थल के समीप जमीन में गाड़ दिया और दूसरे दिन जाकर ले आए।